यूजीसी के निर्देश, गुणवत्तापूर्ण टॉपिक के बारे में ही बुक्स लिखी जाए
अच्छी बुक्स लिखें टीचर्स, यूनिवर्सिटीज भी पढ़ाएं अच्छी किताबें
Meerut । यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था के लिए निर्देश दिए हैं। इसके तहत बेहतर गुणवत्ता की बुक्स के साथ-साथ देश के विकास में योगदान करने वाले नेताओं की बायोग्राफी भी पढ़ाई जाए। दरअसल, देश का भविष्य उज्ज्वल बनाने में स्टूडेंट्स को बेहतर एजुकेशन देना शिक्षण संस्थानों का ही कर्त्तव्य है। इस बाबत यूनिवर्सिटी के प्रेस प्रवक्ता डॉ। प्रशांत कुमार ने कहाकि यह यूजीसी का अच्छा कदम है। इससे शिक्षण व्यवस्था की गुणवत्ता बढ़ेगी।
यूजीसी ने दिए निर्देश
यूजीसी ने जारी सर्कुलर में देशभर के कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज को हिदायत दी है कि वो एजुकेशन स्तर को सुधारें। इसके सुधारने के लिए वह अपने यहां गुणवत्ता वाली बुक्स ही स्टूडेंट्स को पढ़ाएं। यूजीसी ने कहा कि स्टूडेंट्स को वहीं बुक्स पढ़ाई जाए जिनमें वास्तव में गुणवत्ता है। बुक्स के साथ ही अलग से भी टीचर्स कुछ अच्छे टॉपिक्स पर स्टूडेंटस को पढ़ा सकते हैं, लेकिन वो उनके भविष्य के लिए फायदेमंद होने चाहिए।
मोटिवेट हों स्टूडेंट्स
अक्सर प्रोफेसर रिसर्च के दौरान कई बुक्स भी लिखते हैं, कुछ टीचर्स की बेहतर बुक्स कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई भी जाती है। इसके साथ ही कई ऐसी बुक्स होती है जिन्हें लाइब्रेरी में रखा जाता है। उनकी बुक्स से स्टूडेंटस अपना भविष्य बनाने का रास्ता ढूंढते हैं, इसलिए टीचर्स को ध्यान रहे कि वो ऐसे ही टॉपिक्स पर बुक्स लिखें जो स्टूडेंट्स को बेहतर नॉलेज दें व मोटिवेट भी करें।
बायोग्राफी भी जरुर पढ़ाएं
यूजीसी के अनुसार अक्सर देखने में आया है कि आज के युवाओं को देश व संबंधित योगदानों के बारे में नॉलेज कम रहती है। इसलिए बुक्स से हटकर ऐसे नेताओं व महापुरुषों के बारे में पढ़ाया जाए। स्टूडेंटस को भी ऐसे महान लोगों की बुक्स पढ़कर प्रेरणा मिलेगी। आने वाला भविष्य बेहतर होगा।
कॉलेजों में अगर ऐसे नेताओं के बारे में पढ़ाया जाए, जिनसे स्टूडेंट्स को सीख मिले तो आने वाले युवा नेता भी यकीनन बेहतर सोच के होंगे।
मयंक, स्टूडेंट
यह अच्छी बात है, कुछ टीचर्स ऐसी बुक्स लिखते हैं जो बहुत बेहतर जानकारी देते हैं, अगर ऐसा होता है तो इससे स्टूडेंटस को भी प्रेरणा मिलती है।
प्रशांत, स्टूडेंट
लाइब्रेरी में कुछ बुक्स अच्छी होती है, लेकिन अभी इतनी बुक्स नहीं मिल पाती है। इसलिए आवश्यकता है बेहतर किताबों की, जिनसे नॉलेज मिले।
गुलफशा, स्टूडेंट
वैसे तो सभी टीचर नॉलेज की ही बुक्स लिखते हैं, लेकिन उनमें और भी गुणवत्ता होगी तो उससे शायद पहले से भी अधिक नॉलेज मिलने में सहायता मिल सकती है।
आकृति, स्टूडेंट