सिविल लाइंस इंस्पेक्टर की कुर्सी पर बैठेंगे छात्र या छात्रा

ALLAHABAD: आपको सुनने में यह अटपटा जरुर लग रहा होगा, लेकिन यह सच है। जल्द ही आपको सिविल लाइन प्रभारी की कुर्सी पर छात्र या फिर छात्रा बैठी नजर आएगी। जल्द ही एक छात्र अथवा छात्रा को सिविल लाइंस थाना प्रभारी की कुर्सी पर बैठा देख सकेंगे। प्रभारी का किरदार निभाने वाला छात्र या फिर छात्रा पब्लिक और पुलिस के बीच एक बेहतर संबंध स्थापित करेंगे। बता दें इलाहाबाद पुलिस की तरफ से पुलिस लाइन हाल में ए सोसाइटी विथआउट पोलिस विषय पर एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में सिटी के विभिन्न स्कूलों से आए सैकड़ों बच्चों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

नौ छात्राएं भी हैं शामिल

इलाहाबाद पुलिस ने पहल करते हुए रविवार को निबंध प्रतियोगिता आयोजित की थी। पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस रहित समाज विषय पर इस प्रतियोगिता में 15 स्कूलों के 25 से अधिक विद्यार्थी शामिल हुए। इनमें नौ छात्राएं हैं। प्रतियोगिता का परिणाम 14 अगस्त को आएगा। इसके बाद स्वतंत्रता दिवस पर विजयी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया जाएगा। उसके बाद प्रथम विजेता को एक दिन का सिविल लाइंस थाना प्रभारी का किरदार निभाने का मौका मिलेगा। इसका मकसद कम्युनिटी पुलिस को जोर देते हुए समाज के भीतर पुलिस की छवि को बेहतर बनाना है। शायद पुलिस विभाग में ऐसा नवाचार पहली बार हुआ है, जिसे एएसपी विनीत जायसवाल की ओर से किया गया है। उन्होंने बताया कि इससे विद्यार्थियों के मन में पुलिस के प्रति धारणा में भी बदलाव आ सकेगा।

कानून को बेहतर बनाने के लिए पब्लिक का सहयोग जरुरी

निबंध प्रतियोगिता में छात्र छात्राओं में टैगोर पब्लिक स्कूल की छात्रा आकांक्षा श्रीवास्तव ने लिखा कि कितने ही कानून बन जाए, कोर्ट और पुलिस बन जाए, लेकिन जनता के सहयोग के बिना हर कानून फेल है। बीएचएस के छात्र परिमल ने पुलिस के बिना समाज में हर तरफ अपराध और अराजकता की स्थिति उत्पन्न होने का अंदेशा जताया है। सेंट जोसेफ के छात्र प्रबुद्ध व्यास ने जनता के असहयोग को पुलिस के कठिन काम को और कठिन बनाने की बात कही। इसी तरह अरिशा अहमद ने लिखा कि पुलिस की अच्छाई और बुराई की हम कितनी भी समीक्षा करें, लेकिन मुसीबत पड़ने पर सभी लोग डायल-100 का उपयोग करते हैं।