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BAREILLY : पुलिस लाइंस के ट्रांजिट हास्टल में महिला दारोगा की हत्या करने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका भाई और भतीजा ही निकला. महिला दारोगा की हत्या करने में भाई और भतीजे ने 52 बीघा जमीन के लिए की. महिला के भाई और भतीजे ने उसकी हत्या करने के लिए दो सुपारी किलर को भी साथ लिया था. यह बात थर्सडे को एसपी सिटी अभिनंदन सिंह ने हत्या का खुलासा करते हुए कही. पुलिस ने महिला दारोगा की हत्या करने वाले भाई और उसके भतीजे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जबकि सुपारी किलर दोनों हत्यारोपी फरार है.

 

 

दो लाख में दी थी सुपारी
पुलिस गिरफ्त में आए हत्यारोपी विपिन उर्फ गुड्डन और अनु हर्षित पुत्र विपिन निवासी रामनगर डिडौली डिस्ट्रिक्ट अमरोहा के पास से आलाकत्ल सरिया और रस्सी भी बरामद कर ली है. हत्यारोपियों ने बताया कि रीना कुमारी ने प्रेम विवाह किया था लेकिन दो वर्ष बाद ही तलाक हो गया. रीना के एक बेटा भी है. लेकिन इसके बाद रीना ने अपने पिता बलजीत सिंह से 10 बीघा जमीन अपने नाम वसीयत करा ली थी. जिसके बाद विपिन ने अपने नाम दोबारा वसीयत पूरी जमीन की करा ली. लेकिन इसके बाद फिर से रीना धोखा देकर पिता को अपने साथ ले जाकर पूरी जमीन अपने नाम वसीयत करा ली. यह बात उससे सहन नहीं हुई और हत्या के लिए साजिश बना डाली.

 

28 मई को हुई थी हत्या
अमरोहा के जोया थाना क्षेत्र के रामनगर की रहने वाली रेनू 52 वर्षीय क्षेत्रीय अभिसूचना इकाई में तैनात थी. वह करीब ढाई वर्ष पहले बिजनौर से बरेली ट्रांसफर होकर आई थी. वह ट्रांजिट हॉस्टल के मकान नम्बर ए 10-781 में बेटे ईशू के साथ रहती थी. परिजनों ने बताया कि एक सप्ताह पहले बेटे को कम्प्टीशन की तेैयारी के लिए दिल्ली में कोचिंग के लिए भेज दिया था. तब से वह सिंगल रहती थी. 28 मई को रीना की उनके ही ट्रांजिट हॉस्टल में किसी ने हत्या कर दी थी और हत्यारोपी फरार हो गए थे.

 

खुद वादी बनकर दर्ज कराया मुकदमा
रीना की हत्या करने के बाद विपिन अपने बेटे के साथ फरार हो गया. लेकिन जैसे ही जानकारी हत्या की मिली तो वह खुद बरेली पहुंचा और पुलिस को गुमराह करने के लिए हत्या की एफआईआर अज्ञात में देकर केस दर्ज करा दिया. इससे पुलिस भी चकरा गई लेकिन जब वसीयत के पेपर्स गायब देखे तो परते खुलती चली गईं और हत्यारोपियों तक पुलिस पहुंच गई. हत्यारोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने साथ दो सुपारी किलर मोहिसन और शाहरूख भी लिए थे. जिनसे दो लाख में सौदा हुआ था, जिन्हें एक लाख रुपए दे दिए था जबकि एक लाख रुपए देना बाकी हैं.