ये फैसला पिछले हफ्ते मुंबई में  सिंधुरक्षक पनडुब्बी में हुए धमाके और उसके कारण 18 नौसैनिकों की मौत के बाद किया गया है.

सिंधुरक्षक में हुए विस्फोट की शुरुआती जांच से पता चला है कि पनडुब्बी पर रखे हथियार उसके डूबने की वजह हो सकते हैं.

गोताखोरों ने अभी तक सात शव निकाल लिए हैं और अधिकारियों का कहना है कि  पनडुब्बी पर विस्फोट के समय मौजूद 18 नौसैनिकों में से अब किसी के भी बचने की संभावना नहीं है.

समझा जाता है कि दुर्घटना के समय सिंधुरक्षक पूरी तरह हथियारों से लैस थी.

"भारतीय नौसेना की सभी सक्रिय पनडुब्बियों पर हथियार संबंधी सभी सुरक्षा तंत्रों और मानक प्रक्रियाओं की व्यापक जांच के आदेश दिए गए हैं."

-एके एंटनी, भारतीय रक्षा मंत्री

सातवां शव मिला

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार भारतीय रक्षा मंत्री एके एंटनी ने संसद में बताया, “भारतीय नौसेना की सभी सक्रिय पनडुब्बियों पर हथियार संबंधी सभी सुरक्षा तंत्रों और मानक प्रक्रियाओं की व्यापक जांच के आदेश दिए गए हैं.”

एंटनी ने ये भी बताया कि नौसेना के गोताखोर अभी तक रूस में निर्मित आईएसएन सिंधुरक्षक का पूरा जायजा नहीं ले पाए हैं.

इस बीच समाचार एजेंसी पीटीआई ने खबर दी है कि सिंधुरक्षक से सातवें शव को निकाला गया है.

भारतीय नौसेना ने एक बोर्ड ऑफ इंक्वायरी बनाई है जो सिंधुरक्षक में हुए हादसे की जांच कर चार हफ्तों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

मुंबई पुलिस ने इस बारे में दुर्घटना संबंधी मौत का मामला दर्ज किया है.

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