- यूपी एसटीएफ ने तीन जिलों में की ताबड़तोड़ छापेमारी

- डॉक्टर, लेक्चरर और फार्मासिस्ट बने बिचौलिये

- दूसरे की जगह परीक्षा देने जा रहे पति-पत्नी अरेस्ट

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LUCKNOW: जैसी आशंका थी वही हुआ, सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा में अपात्रों को पास कराकर भर्ती कराने का ठेका लेने वाले सॉल्वर गैंग के सदस्यों ने अपनी तैयारी तो भरपूर की थी लेकिन, यूपी एसटीएफ की टीमों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। परीक्षा की निगरानी के लिये लगाई गई एसटीएफ टीमों ने लखनऊ, इलाहाबाद, मथुरा और कानपुर नगर में रविवार सुबह की गई ताबड़तोड़ छापेमारी में सॉल्वर गैंग के 51 लोगों को अरेस्ट कर लिया। टीमों ने आरोपियों के कब्जे से 64 मोबाइल फोन, 1.25 लाख रुपये नकद और अन्य दस्तावेज बरामद किये हैं।

संख्या देख हैरान रह गए अधिकारी
बीते दिनों दारोगा भर्ती परीक्षा, कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा समेत विभिन्न सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग की धमक ने पूरी परीक्षा प्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिये थे। इसी के मद्देनजर सहायक भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग व पेपर लीक माफिया कोई खलल न डाल सकें, इसे लेकर यूपी पुलिस ने व्यापक रणनीति तैयार करते हुए यूपी एसटीएफ को निगरानी में लगाया था। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि परीक्षा शुरू होने से पहले ही एसटीएफ की टीमों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए लखनऊ से 34, इलाहाबाद से 12, कानपुर नगर से 4 और मथुरा से एक आरोपी को दबोच लिया। बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी तादाद में सॉल्वर गैंग के पकड़े जाने पर अधिकारी भी हैरान हैं और इसे बड़ी सफलता माना जा रहा है। गौरतलब है कि गिरफ्त में आए आरोपियों में डॉक्टर, फार्मासिस्ट और लेक्चरर भी शामिल हैं, जो बिचौलिये की भूमिका निभा रहे थे।

तीन लाख रुपये में हुआ था सौदा
एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि गिरफ्त में आए सॉल्वर गैंग्स दो तरह से अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लेते थे। पहला वे अभ्यर्थी की जगह दूसरे सॉल्वर को बिठाकर परीक्षा दिला देते हैं, जबकि दूसरा तरीका पेपर लीक करके अभ्यर्थी को पहले से आने वाले सवालों के जवाब तैयार करा देते हैं। अभियुक्तों से हुई संयुक्त पूछताछ में उन्होंने बताया कि गैंग विभिन्न बिचौलियों जिनमें डॉक्टर, फार्मासिस्ट, लेक्चरर तक शामिल हैं, के जरिये अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड इकट्ठा कर लिये थे। अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में पास कराने की गारंटी दी गई थी और इसके एवज में उनसे उनके मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र और किसी भी बैंक का तीन लाख रुपये का चेक लेते थे। इस चेक में प्राप्तकर्ता का नाम नहीं लिखा जाता था। अभ्यर्थियों को कहा गया था कि परीक्षा में पास हो जाने पर चेक कैश कराया जाएगा। चेक कैश होते ही उनके मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र वापस कर दिये जाएंगे।

बनवा लिये थे फर्जी आधार कार्ड
पूछताछ में पता चला कि गैंग के लोगों ने कुछ अभ्यर्थियों के फर्जी आधार कार्ड तैयार कराये गए थे, जिसमें डिटेल तो असली थी लेकिन, फोटो सॉल्वर की थी। इस जरिये से परीक्षा पास कराने पर अतिरिक्त रकम लेने की भी बात कही गई थी। वहीं, अधिकांश अभ्यर्थियों के लिये पेपर लीक कराकर हासिल कर लिया जाता। इस पेपर को पढ़ने के लिये एक जगह पर अभ्यर्थियों को इकट्ठा कर उन्हें जवाब याद करा दिये जाते थे। पेपर के जवाब यादकर खुद परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को सिर्फ तीन लाख रुपये ही देने थे।

सॉल्वर को देते थे 50 हजार रुपये
पूछताछ में सॉल्वर गैंग के सरगना ओम सहाय ने बताया कि वह काफी समय से इस धंधे में है। वह बिहार से सॉल्वर बुलाता था। अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने पर प्रत्येक सॉल्वर को 50 हजार रुपये का पेमेंट किया जाता है। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि आरोपी ओम सहाय कौशांबी में प्राइमारी टीचर था। उसकी पत्‌नी नीलम सहाय भी प्राइमरी टीचर थी। लेकिन, उन दोनों ने फर्जी टीईटी का सर्टिफिकेट लगाकर टीचर पद पर नियुक्ति पा ली थी। जिसकी जांच होने पर वे दोनों बर्खास्त हो गए थे।

लखनऊ में अरेस्ट किये गए आरोपी

1- वरुण कुमार सिंह फतेहपुर एक्सरे टेक्निशियन/बिचौलिया

2- धीरेन्द्र सिंह फतेहपुर फार्मासिस्ट/बिचौलिया

3- राजेन्द्र कुमार हमीरपुर डाक्टर/बिचौलिया

4- शशीन गुप्त हमीरपुर डाक्टर/बिचौलिया

5- हरिश्चन्द्र सिंह इलाहाबाद लेक्चरर/बिचौलिया

6- प्राणदेव उर्फ छोटू फतेहपुर अभ्यर्थी

7- अरविन्द सिंह फतेहपुर अभ्यर्थी

8-रंजीत इलाहाबाद अभ्यर्थी

9- कृष्ण कुमार सिंह चित्रकूट अभ्यर्थी

10- रावेन्द्र सिंह कौशांबी अभ्यर्थी

11-राज कुमार सिंह इलाहाबाद अभ्यर्थी

12-भारत भूषण सिंह फतेहपुर बिचौलिया

13- जगदीश सिंह इलाहाबाद बिचौलिया

14- घनश्याम पाल प्रतापगढ़ अभ्यर्थी

15- सतीश कुमार प्रतापगढ़ बिचौलिया

16-सतीश कुमार त्रिपाठी इलाहाबाद सरगना

17- डा। रवि प्रकाश वर्मा लखनऊ डाक्टर/बिचौलिया

18- गनेश प्रसाद आजमगढ़ अभ्यर्थी

19-उदित निशांक बागपत अभ्यर्थी

20- उत्कर्ष सिंह फतेहपुर बिचौलिया

21-विनोद सिंह फतेहपुर बिचौलिया

22-देव नारायण भदोही अभ्यर्थी

23-सूर्य कुमार यादव प्रतापगढ़ बिचौलिया

24- रवि कांत मौर्य मऊ बिचौलिया

25- गोविंद जायसवाल गोरखपुर बिचौलिया

26-मापति दुबे लखनऊ बिचौलिया

27- मंगल सिंह मीरजापुर बिचौलिया

28-रामेश्वर सिंह मंीरजापुर बिचौलिया

29-संकल्प तिवारी कानपुर नगर बिचौलिया

30-यशवंत कुमार गाजीपुर बिचौलिया

31-सचिन कुमार यादव जौनपुर बिचौलिया

32-मनीष यादव जौनपुर बिचौलिया

33-शुभम प्रजापति लखनऊ बिचौलिया

34-अजय कुमार कन्नौज अभ्यर्थी

इलाहाबाद में अरेस्ट किये गए आरोपी

1- ओम सहाय इलाहाबाद मुख्य सरगना

2- विनीत कुमा कौशांब अभ्यर्थी

3- जितेन्द्र कुमार कौशांबी अभ्यर्थी

4- चिंटू कुमा बिहार साल्वर

5- भोला कुमार बिहार साल्वर

6-संजू कुमारी बिहार साल्वर

7- कन्हाई पंडित बिहार साल्वर

8-पिंटू कुमार बिहा साल्वर

9- सौरभ बिहार साल्वर

10- सुरेश भारतीय कानपुर अभ्यर्थी

11- अशोक कुमा फतेहपुर अभ्यर्थी

12- अशोक यादव इलाहाबाद अभ्यर्थी

मथुरा में अरेस्ट आरोपी

1- लव उर्फ मृत्युंजय कुमार, चंगोडीह थाना खैरा, जमुई, बिहार। -साल्वर

कानपुर नगर में अरेस्ट आरोपी

1- हरेराम, भोजपुर बिहार साल्वर

2- दीपेश कुमार फतेहपुर अभ्यर्थी

3- अनुज कुमार पांडेय कौशाम्बी बिचौलिया

4- अमान अहमद इलाहाबाद बिचौलिया