राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को सरकार ने दी बड़ी राहत, कैबिनेट का फैसला

-बढ़ी दर पर सब्सिडी का स्वरूप तैयार, निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद लागू होगी व्यवस्था

-ग्रामीण इलाकों में महज 5 पैसे प्रति यूनिट अधिक देने होंगे

रांची : राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नेशनल टैरिफ पॉलिसी-2016 के प्रावधानों के अनुसार राज्य में बिजली की जो दरें निर्धारित की थीं उससे आम लोगों को राहत दिलाने के लिए कैबिनेट ने सब्सिडी के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। दो विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के कारण आचार संहिता प्रभावी होने से सब्सिडी का विवरण निर्वाचन आयोग की अनुमति के बाद सार्वजनिक किया जाएगा। हालांकि सूत्रों ने कई जानकारियां दी हैं। इसके अनुसार सब्सिडी के बाद ग्रामीण उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट पांच पैसे अधिक देने होंगे तो शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को उपभोग के आधार पर बिल का भुगतान करना होगा। पूर्व की दर के अनुसार यह राशि 25 पैसे प्रति यूनिट से 65 पैसे प्रति यूनिट अधिक है।

मीटर रेंट ज्यादा

लोगों को मासिक मीटर रेंट भी पूर्व की तुलना में कुछ अधिक देना होगा। सरकार ने पूर्व से लागू रिसोर्स गैप राशि के बदले चालू वित्तीय वर्ष में उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने के लिए 2000 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया है। सब्सिडी का ब्योरा उपभोक्ताओं के बिल में दर्ज होगा। अगले वर्ष से सब्सिडी का पैसा खाते में जाएगा, अभी इसका प्रावधान नहीं किया गया है। कैबिनेट ने गुरुवार को कुल छह प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति प्रदान की।

सब्सिडी की योजना

कैबिनेट की बैठक के बाद निर्णयों की जानकारी कैबिनेट सचिव एसकेजी रहाटे ने दी। उनके साथ ऊर्जा सचिव डॉ। नितिन मदन कुलकर्णी भी मौजूद थे। कुलकर्णी ने बताया कि पूर्व में सरकार की ओर से विभाग को रिसोर्स गैप के तौर पर राशि का भुगतान किया जाता था और इस प्रणाली को बंद करने के कारण टैरिफ में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिला। इसे देखते हुए सरकार ने सभी प्रकार के उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी देने की योजना बनाई है। कुलकर्णी ने कहा कि उपभोक्ता पर अत्यधिक भार नहीं पड़ेगा।

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उद्योग व खान विभाग अलग-अलग

झारखंड मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उद्योग, खान एवं भूतत्व विभाग को अलग-अलग दो विभाग उद्योग विभाग तथा खान एवं भूतत्व विभाग में बदलने का निर्णय लिया है। इसके लिए झारखंड कार्यपालिका नियमावली 2000 की प्रथम अनुसूची संशोधन करने को मंजूरी प्रदान कर दी गई।

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250 नए जन औषधि केंद्र खुलेंगे

भारत सरकार के उपक्रम ब्यूरो ऑफ फॉर्मा पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ऑफ इंडिया (बीपीपीआइ) के साथ झारखंड सरकार के एमओयू के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके बाद राज्य में 250 नए जन औषधि केंद्र खोले जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। ये केंद्र राज्य के अधिसंख्य स्वास्थ्य केंद्रों के परिसर में होंगे और इसके लिए मुफ्त में स्थल मुहैया कराया जाएगा। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना के तहत संचालित हो रहा है।

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कैबिनेट के अन्य फैसले

- झारखंड राज्य विधि आयोग की कार्यावधि 14 नवंबर 2016 से 13 नवंबर 2019 तक बढ़ाने के प्रस्ताव पर घटनोत्तर स्वीकृति प्रदान की गई।

- विद्युत पर्यवेक्षकों की अहर्ता से संबंधित निर्गत अधिसूचना में संशोधन करने की स्वीकृति दी गई।

-पुलिस को और सशक्त करने के उद्देश्य से देवघर जिला के सारठ में नया पुलिस अनुमंडल खोलने और गुमला के कुरकुरा में नया थाना खोलने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। कुरकुरा पहले कामडारा थाना क्षेत्र में था।

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बिजली की दरें इस प्रकार हैं

उपभोक्ता पूर्व दर बढ़ी दर सब्सिडी प्रभावी दर

ग्रामीण कुटीर ज्योति 1.25 4.4 3.0 1.40

200 यूनिट प्रतिमाह 1.60 4.75 3.0 1.75

मीटर विहीन उपभोक्ता 60 रु। प्रतिमाह 125 रु। प्रतिमाह

शहरी क्षेत्र 200 यूनिट तक 3.00 5.50 2.25 3.25

201-500 यूनिट - - 1.50 4.00

500-800 यूनिट - - 1.25 4.25

800 यूनिट से अधिक - - 0.5 5.00

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व्यावसायिक उपभोक्ताओं के लिए

क्षेत्र रेंज पूर्व दर नई दर

ग्रामीण क्षेत्र

100 यूनिट तक 2.20 5.25 3.00 2.25

100 यूनिट से अधिक 2.25 5.25 2.75 2.50

शहरी क्षेत्र 6.00 6.00 कुछ नहीं 6.00

औद्योगिक (एचटीएस) 6.25 5.75 कुछ नहीं 5.75

सिंचाई व कृषि

आइएएस-1 0.70 5.00 4.30 0.70

आइएएस-2 1.20 5.00 3.80 1.20

नोट : दर रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से

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ऐसे समझें बढ़ोतरी को

- अगर आप शहरी उपभोक्ता हैं और 200 यूनिट तक बिजली उपभोग करते हैं तो आपको प्रति यूनिट 3.0 रुपये की जगह पर 3.25 रुपये प्रति यूनिट एवं मीटर चार्ज 50 रुपये की जगह 75 रुपये लगेंगे। यानी प्रति माह आपकी जेब पर 75 रुपये का बोझ पड़ेगा।

- अगर आप शहरी उपभोक्ता हैं और 201 से 500 यूनिट तक बिजली उपभोग करते हैं तो आपको 3.0 रुपये की जगह पर 4.00 रुपये प्रति यूनिट देने होंगे। इस तरह प्रति माह 500 रुपया अधिक देना होगा। इसके अलावा 25 रुपया मीटर चार्ज का भी बोझ बढ़ेगा।

- अगर आप शहरी उपभोक्ता हैं और 501 से 800 यूनिट तक बिजली उपभोग करते हैं तो आपको प्रति यूनिट 3.60 रुपये की जगह पर 4.25 रुपये लगेंगे। बढ़ा मीटर चार्ज 25 रुपया और प्रति यूनिट बिल पर अतिरिक्त खर्च करीब 520 रुपया होगा।

-800 यूनिट से अधिक खर्च करते हैं तो आपको 5 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा।