- 12 साल बाद शुरू हुए नालियों के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल

- पानी आते ही बह गईं नालियां, सड़कों पर सिल्ट डालने से भी पब्लिक परेशान

Meerut : क्षेत्र का विकास हो या न हो, दोनों ही सूरतों में पब्लिक को परेशानी उठानी पड़ती है। इसका सबसे बढि़या उदाहरण शताब्दीनगर है। यहां क्ख् सालों के बाद नाली बनाने का काम तो शुरू हुआ, लेकिन लोगों की मुसिबतें पहले से ज्यादा बढ़ गई। नालियों की सिल्ट घरों के बाहर जमा हो गई। घटिया निर्माण सामग्री लगाने से कुछ दिनों में बनी नालियां ढह गई। जिसका गंदा पानी सड़कों पर आ गई। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि ठेकेदार के काम की समीक्षा और निर्माण सामग्री की जांच की जाएगी। अगर कमी पाई गई तो कार्रवाई होगी।

घटिया निर्माण का नमूना

शताब्दी नगर के सेक्टरों में नालियों की मरम्मत और निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन वहां की पब्लिक इस काम से संतुष्ट नहीं है। पब्लिक की मानें तो नालियों का निर्माण इतनी घटिया तरीके से किया गया है कि पानी आते ही नालियां टूट गई हैं। गंदा पानी सड़कों पर आ गया हैं, जिससे बीमारियां पैदा होने का खतरा बढ़ गया है।

घरों के बाहर छोड़ दी सिल्ट

सेक्टर दो में नालियों को बनाने से पहले उन्हें साफ किया गया था, लेकिन किसी ने भी सिल्ट को उठाना जरूरी नहीं समझा। सिल्ट की बदबू घरों में आने लगी है। लाइट जाने के बाद घर के बाहर बैठना भी मुश्किल हो गया है।

दो करोड़ रुपए का हो रहा है

एमडीए के अधिकारियों के अनुसार शताब्दीनगर में सिर्फ नालियों का ही नहीं पार्को और इंटरलॉकिंग का भी चल रहा है। ख्.ख्8 करोड़ रुपए के बजट में नालियों की मरम्मत और निर्माण, पार्को का निर्माण, मेन हॉल का निर्माण, इंटरलॉकिंग का काम होना है। अधिकारियों के अनुसार ख्0 साल पहले यहां पर काम हुआ था। कई सेक्टरों में तो निर्माण हुआ भी नहीं था। ऐसे में पुराने ठेकेदारों को हटाकर नए ठेकेदारों को लगाया गया है। अगर कोई ठेकेदार क्वालिटी का काम नहीं कर रहा है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

वर्जन

शिकायत की जांच होगी। निर्माण सामग्री का टेस्ट किया जाएगा। अगर उसमें किसी तरह का घालमेल नजर आता है तो ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। तुरंत दूसरे ठेकेदार को लगाया जाएगा।

- आईएस सिंह, चीफ इंजीनियर, एमडीए

पब्लिक ओपीनियन

सेक्टर-क् के पॉकेट ई के इस हिस्से में तो प्राधिकरण वाले तो कभी आते ही नहीं है। देखिए नालियों का निर्माण हो रहा है। लेकिन अभी तक यहां तक नहीं आए।

- जितेंद्र श्रीवास्तव

नाली बनने से पहले ही टूटने लगी है। नालियों का पानी बाहर आने लगा है। अभी कुछ ही दिन हुए इन्हें बनाए हुए। इससे बेहतर तो बनाते ही नहीं।

- अमर वर्मा

प्राधिकरण के लोगों ने इतने सालों के बाद तो काम शुरू कराया, लेकिन निर्माण सामग्री का बिल्कुल भी ख्याल नहीं रखा।

- पूनम

इनमें सीमेंट नहीं रेत मिलाया गया है। तभी तो इतनी जल्दी नालियां इतनी जल्दी टूट रही है। अगर काम ठीक से करना ही नहीं था तो शुरू क्यों कराया?

- शीला देवी

कई हिस्सों को तो ये छोड़ ही रहे हैं। नालियों में गंदगी भर जाने से पानी घरों के बाहर आकर जमा हो रहा है। न तो इस बात पर ठेकेदार ध्यान दे रहा है और न ही प्राधिकरण।

- हिमांशु गुप्ता

ठेकेदार तो कुछ दिनों में काम पूरा करके चला जाएगा। उसके बाद भुगतेगी पब्लिक। प्राधिकरण को ठेकेदार के काम चेक करता रहना चाहिए।

- मोतीराम अग्रवाल

आपको घटियापन का इससे बेहतर नमूना और कहां मिल सकता है। नाली को बने हुए कुछ ही दिन हुए है और पानी नहीं झेल पा रहा है। नाली के किनारे टूट रहे हैं।

- अनिता

हमारे सेक्टर दो में अभी काम शुरू होना है। लेकिन नालियों को बनाने से पहले साफ की गई नालियों को सिल्ट कर्मचारी घर के बाहर छोड़कर चले गए हैं। अभी तक उन्होंने साफ नहीं किया है।

- ओमी

घरों की बाहर की सिल्ट की बदबू घरों के अंदर तक आने लगी है। लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी कोई साफ करने नहीं आया।

- मधुबाला

सेक्टर का बहुत बुरा हाल है। काफी वर्षो से कोई विकास कार्य नहीं हुआ है। न ही कोई अधिकारी देखने को आया है। बीमारियां पैदा होने लगी है गंदगी के कारण।

- शांति

मेरे घर के बाहर की स्थिति काफी दयनीय हो गई है। गंदा पानी हमेशा रहता है। कई बार अपने रुपयों से साफ कराने के बाद भी स्थिति ठीक नहीं हुई है।

- चमेली देवी