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- आईआईटी में सेलेक्ट हो चुके हैं सीबीएसई में कम मा‌र्क्स स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स

BAREILLY:

सीबीएसई 12वीं के रिजल्ट में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। आम धारणा है कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में हाई स्कोर करने पर ही सक्सेजफुल कॅरियर संभव है, लेकिन इस बार के रिजल्ट में नजारा कुछ और ही रहा। कई ऐसे बच्चों ने आईआईटी क्लियर किया है, जिनके परसेंटेज 90 परसेंटाइल के ऊपर नहीं बल्कि 70 से 90 परसेंटाइल के बीच हैं। जिन्होंने यह साबित कर दिखाया है कि जोश, जज्बा और लगन हो तो कॅरियर को एक मुकाम तक पहुंचाने में मा‌र्क्स रोड़ा नहीं बनते। वहीं, एक्सप‌र्ट्स ने भी स्टूडेंट्स की सराहना की और कहा कि सफलता मा‌र्क्स की नहीं बल्कि लगन और जज्बा से मिलती है।

 

एवरेज स्टूडेंट्स हैं सक्सेसफुल

एक्स आईआईटीएंस नवनीत अग्रवाल के मुताबिक आईआईटी क्लियर करने वालों में सबसे ज्यादा एवरेज स्टूडेंट्स ही हैं। बताया कि उनकी जानकारी में सर्वाधिक आईआईटी में सेलेक्शन 75 से 90 परसेंटाइल तक के बीच के स्टूडेंट्स ही शामिल हैं। जिसका एवरेज करीब 80 परसेंट है। कहा कि हाई स्कोर करने वाले स्टूडेंट्स का फोकस सब्जेक्ट के फंडामेंटल्स पर नहीं बल्कि मा‌र्क्स स्कोरिंग पर ज्यादा होता है। ऐसे में उनके पास जब आईआईटी एग्जाम की क्वेश्चन शीट पहुंचती है तो वह उसे सॉल्व कर पाने में अक्सर फेल हो जाते हैं। जबकि एवरेज लाइन के स्टूडेंट्स की सब्जेक्ट के साथ ही फंडामेंटल क्लीयरेंस पर अधिक होता है। जिससे वह कामयाबी की इबारत लिखने में हमेशा आगे रहते हैं।

 

एसआर स्टूडेंट्स ने मारी बाजी

सिटी के फेम एसआर इंटरनेशनल स्कूल के हर्षित 93.4, दक्ष उमेश सारथी ने 93.2, रुद्रांश ने 91.6, कार्तिकेय राय ने 87 और राजीव सिंह ने 70 परसेंट हासिल किया है। इनमें से कोई भी स्टूडेंट टॉपर्स की लिस्ट में शामिल नहीं है, लेकिन हैरत की बात यह कि सभी ने आईआईटी मेन्स क्लियर कर लिया है। इसमें से बीसलपुर के मोहल्ला दुर्गाप्रसाद निवासी दक्ष सारथी की कहानी और भी इंस्पीरेशनल है। क्योंकि उनके पिता किसान हैं, जो अपने बेटे को किसी लायक बनाने के उद्देश्य से एसआर लेकर पहुंचे थे। दक्ष को इंग्लिश नहीं आती थी लेकिन उसने अपनी इस कमजोरी को अपने जज्बे से मात देकर इंग्लिश में महारत हासिल की। वहीं, आईआईटी मेन्स क्लियर कर उसने पिता की ख्वाहिश को पूरा किया। साथ ही, ग्रामीण परिवेश से जुड़े लोगों के लिए मिसाल पेश की है।

 

हाई स्कोरिंग स्टूडेंट्स सिर्फ स्कोर कर टॉपर लिस्ट में सेलेक्ट हो जाते हैं। लेकिन एवरेज लाइन स्टूडेंट्स फंडामेंटल क्लियर करते हैं और आईआईटी लेवल के एग्जाम में हमेशा आगे रहते हैं।

इंजीनियर नवनीत अग्रवाल, एक्स आईआईटियंस

 

कामयाबी या सफलता जरूरी नहीं कि हाई स्कोर करने वालों को ही मिले। अक्सर देखा गया है कि फ‌र्स्ट लाइन की बजाय सेकंड लाइन के स्टूडेंट्स सर्वाधिक सफलता का परचम लहराते हैं।

अमित चौधरी, कॅरियर काउंसलर