सूत्रों से पता चला है कि आज सुबह लगभग नौ बजकर पचपन मिनट पर देश में ही तैयार की गयी, सतह से सतह पर मार करने वाली अग्नि मिसाइल का व्हीलर द्वीप पर इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के चार नंबर बेस से मोबाइल लांचर द्वारा सफल टेस्ट फायर किया गया.

सेना के टैस्ट फायर के बाद आईटीआर निदेशक एम वी के वी प्रसाद ने जानकारी दी कि भारतीय सेना की स्ट्रेटजिक फोर्स कमांड ने इस टेस्ट को पूरी कामयसबी के साथ अंजाम दिया है. परीक्षण के लिए हर तरह का सहयोग रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने उपलब्ध  कराया था. डीआरडीओ के ऑफीशियल्स से पता चला है कि यह अग्नि 3 सीरीज का तीसरा प्रायोगिक परीक्षण था. यह परीक्षण मिसाइल के प्रदर्शन के दोहराव के लिए किया गया.

इस मिसाइल में टू स्टेप सॉलिड प्रोपलेंट सिस्टम है. 17 मीटर लंबी इस मिसाइल का व्यास दो मीटर है और प्रक्षेपण के समय इसका वजन करीब 50 टन है. यह अपने साथ 1.5 टन के हथियार ले जा सकती है. सैन्य बलों में शामिल की जा चुकी इस मिसाइल में अत्याधुनिक हाइब्रिड नौवहन, मार्गदर्शन और नियंत्रण प्रणालियां लगी हैं.

अग्नि 3 का फर्स्ट डेवलेपमेंटल टेस्ट 9 जुलाई, 2006 को किया गया था, जिसके परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं मिले थे. इसके बाद 12 अप्रैल 2007, 7 मई 2008 और 7 फरवरी, 2010 को इसके और परीक्षण किए गए. मिसाइल का पहला प्रायोगिक परीक्षण 21 सितंबर 2012 को और अगला प्रायोगिक परीक्षण 23 दिसंबर 2013 को किया गया, जो सफल रहा.

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