पार्षद के खिलाफ एक्शन न होने पर निगम में बेमियादी धरना शुरू

Meerut। निगम कार्यकारिणी बैठक में पार्षद सविता गुर्जर द्वारा कर्मचारी नेता अनीस अहमद की सेवा समाप्त की मांग का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। नगरायुक्त के आश्वासन के बाद भी सोमवार तक पार्षद पर किसी प्रकार की कार्रवाई न होने पर सोमवार को एक बार फिर निगम कर्मचारियों ने निगम परिसर में नारेबाजी कर हंगामा कर दिया। इस दौरान निगम के आला अधिकारियों ने निगम से दूरी बनाए रखी और दिन भर विभाग में अधिकारी नदारद रहे।

जारी रहेगा धरना प्रदर्शन

पार्षद के खिलाफ नगर निगम द्वारा जांच कराकर 15 सिंतबर तक शासन को भेजने का नगरायुक्त द्वारा आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी तक निगम द्वारा इस मामले को कोई रिपोर्ट तैयार नही की गई इसलिए सोमवार से निगम कर्मचारियों ने अनिश्चित कालीन धरना शुरू कर दिया। सोमवार को निगम के पांच कर्मचारी धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी कर विरोध जताया।

नदारद रहे आला अधिकारी

सोमवार को निगम खुलने के बाद भी मेयर, नगरायुक्त से लेकर अपर नगरायुक्त, नगर स्वास्थ्य अधिकारी समेत तमाम आला अधिकारी नदारद रहे। निगम कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर सुबह से ही आला अधिकारियों के घेराव की योजना बना ली थी लेकिन दोपहर बाद तक अधिकारी कार्यालय नही पहुंचे तो पार्क में धरने पर बैठे कर्मचारी नगरायुक्त कार्यालय के बाहर बैठ गए।

नगरायुक्त के आश्वासन के बाद भी कोई एक्शन नही हुआ और न जांच की गई। जब तक जांच नहीं होगी, क्रमिक धरना जारी रहेगा।

विनेश विद्यार्थी, संयुक्त संघर्ष मोर्चा मीडिया प्रभारी

कमिश्नर से मिले विपक्ष दल के पार्षद

नगर निगम की कार्यकारिणी की बैठक में हुए हंगामे के विरोध में सोमवार को नगर के विपक्षी दल के पार्षदों ने कमिश्नरी अनीता मेश्राम से मुलाकात कर इस हंगामे को निगम के सदन की गरिमा का अपमान बताते हुए कमिश्नर से इस मामले में दोषी पार्षद और कर्मचारियों पर कार्यवाही की मांग की। पार्षद सविता गुर्जर ने कमिश्नर को ज्ञापन देते हुए बताया कि निगम कर्मचारी अनीस अहमद पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं इसलिए कार्यकारिणी बैठक में सेवा समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया था। इस पर कर्मचारी ने अपने साथियों के साथ मिलकर निगम बैठक में हंगामा कर दिया।