-रेलवे कर्मचारी ने नैनी पुल से लगाई छलांग

-पुलिस कंट्रोल रूम में खुद फोन करके दी थी सूचना

-काफी मशक्कत के बाद गोताखोर नदी से बॉडी निकालने में हुए कामयाब

ALLAHABAD: हेलो पुलिस कंट्रोल रूम। मैं रेलवे पीआरएस गुरु चरण लाल बोल रहा हूंमैं नैनी पुल से कूदने जा रहा हूंमेरे घर वालों को बता देनाथर्सडे मार्निग पुलिस कंट्रोल रूम में यह सूचना मिलते ही नैनी पुल पर कीडगंज और नैनी पुलिस पहुंच गई। लेकिन वहां सिर्फ गाड़ी मिली। सुबह से ही गोताखोर उनकी तलाश में जुटे रहे और करीब तीन बजे बॉडी नदी से निकाली जा सकी।

सुबह निकले थे ड्यूटी पर

रेलवे में पीआरएस गुरु चरण लाल राजापुर में रहते हैं। थर्सडे को उनकी मार्निग शिफ्ट लगी थी। सुबह पांच बजे वे अपनी स्कूटी लेकर घर से निकले थे। गुरु चरण के रिलेटिव ने बताया कि वह ऑफिस पहुंचे और वहां पर दो घंटे तक काम भी किया। उसके बाद वह ऑफिस से निकल गए। करीब आठ बजे के आसपास वह नैनी पुल पर पहुंचे थे। नैनी एरिया से ही उन्होंने शायद पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया और नदी में छलांग लगा दी।

हां देखा था छलांग लगाते

पुलिस कंट्रोल रूम की सूचना पर पुलिस वहां पहुंच गई। नैनी पुलिस जांच पड़ताल में जुटी रही। स्पॉट पर गार्ड ने बताया कि उसने एक आदमी को कूदते देखा था। मौके पर पुलिस को सिर्फ स्कूटी मिली। वहां नदी में मौजूद मल्लाहों ने पुलिस को बताया कि जिस व्यक्ति ने नदी में छलांग लगाई थी, वह अचानक डूब गया। जबकि अगर कोई नदी में कूदता है तो एक बार उसकी बॉडी नदी में ऊपर आती है। जबकि गुरु चरण के साथ ऐसा नहीं हुआ। हां सिर्फ उनका चप्पल तैरता नजर आ रहा था। पुलिस ने उनके पास मिले डॉक्यूमेंट्स से रेलवे कर्मचारियों और फैमिली मेम्बर्स को घटना की जानकारी दी।

तीनों बेटे दिल्ली में

फैमिली मेंबर्स को सूचना मिलने पर गुरु चरण के भतीजे और भांजे वहां पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को बताया कि गुरु चरण के तीन बेटे अमित, पुनीत और सुमित हैं। तीनों इस समय दिल्ली में रहते हैं और वहीं पर जॉब करते हैं। घर में सिर्फ उनकी वाइफ रानी श्रीवास्तव हैं।

तीन बजे निकाली गई बॉडी

जिस जगह पर गुरु चरण ने छलांग लगाई थी, वहां दूर-दूर तक कोई क्लू नहीं मिल रहा था। मल्लाहों को उनकी तलाश में लगा दिया गया। सुबह 9 बजे से सर्च आपरेशन जोरों पर शुरू हुआ। करीब तीन बजे उनकी बॉडी मल्लाहों ने नदी से निकाली, जिसके बाद पुलिस ने बॉडी को कब्जे में लेकर पोस्टर्माटम के लिए भेज दिया गया।

बहू से तनाव या कुछ और

दोपहर तक उनके बच्चे दिल्ली से नहीं पहुंचे थे। इस दौरान नैनी एरिया में रिश्तेदारों के बीच सुसाइड की वजह को लेकर तरह-तरह की चर्चा होती रही। कोई इसे फैमिली प्राब्लम बता रहा था तो पर्सनल टेंशन। वैसे चर्चा यह भी रही कि उनका बड़ी बहू से कुछ ठीक नहीं चल रहा था। कुछ समय पहले ही बड़ा बेटा आया था। लेकिन बहू से तालमेल नहीं बैठा और वह मायके से ससुराल वापस नहीं आई, जिसके बाद बेटा वापस दिल्ली चला गया। इससे वह टेंशन में रहने लगे थे। यह चर्चा भी रही कि आखिर रिटायरमेंट के एक महीने पहले उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया। इस मामले में नैनी पुलिस का कहना था कि जांच के बाद ही सुसाइड का कारण स्पष्ट हो पाएगा।