-पिछले पंद्रह दिनों में हजार रुपये होलसेल में बढ़ा चीनी का रेट
-फुटकर में कस्टमर्स की हो रही जेब ढीली
कुछ ही दिनों में चीनी की रेट में तेजी से इजाफा हुआ है। होल सेल से लेकर रिटेल तक में चीनी का रेट बढ़ने के चलते चीनी कारोबारी से लेकर कस्टमर्स तक हैरान हैं। पिछले पंद्रह दिनों में होल सेल में चीनी के रेट में 900 रुपये की बढ़ोत्तरी हुई है। होल सेल में 2800 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाली चीनी मौजूदा समय में 3700 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही।
वहीं फुटकर में जो चीनी 34 रुपये प्रति किलो बिक रही अब उसकी कीमत 40 रुपये प्रति किलो है। इसके पीछे जमाखोरों का खेल हैं। पांच दिन पहले कम रेट में चीनी ले गए कारोबारी दोबारा जब दुकान पर पहुंच रहे हैं तो उन्हें बढ़े हुए रेट पर चीनी आढ़तिया बेचने को मजबूर हैं। ऐसी स्थिति तब है जब सरकार ने चीनी का समर्थन मूल्य 29 रुपये रखने का ऐलान किया था। शहर में चीनी संकट बढ़ाने की तैयारी में जुटे जमाखोरों पर लगाम नहीं लगा तो आने वाले दिनों में स्थिति विकट होगी।
फुटकर में किचकिच
होलसेल में चीनी का रेट बढ़ने का असर रिटेल पर भी पड़ रहा है। हर दो दिन पर दुकानदार चीनी की कीमत बढ़ा दे रहे हैं। इसमें गलती दुकानदारों की नहीं है। बढ़े हुए रेट पर चीनी खरीद के कारण कस्टमर्स को बेचना उनकी मजबूरी है। हालांकि कारोबारियों को उम्मीद है कि चीनी का रेट जल्द ही कम होगा।
प्रोडक्शन ज्यादा, माल आ रहा आधा
-चीनी की कालाबाजारी कर रहे जमाखोर
-सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 29 रुपये के ऐलान का नहीं दिख रहा असर
इस बार चीनी का प्रोडक्शन काफी अच्छा हुआ है। चीनी आढ़तियों को उम्मीद थी कि इस बार चीनी का रेट 2000-2200 के बीच होगा। मगर, पिछले एक पखवारे से कारोबार इतना चेंज हुआ कि चीनी का रेट 3700 पहुंच गया। जमाखोरों द्वारा माल दबा लेने के चलते आढ़तियों तक माल डिमांड के मुताबिक नहीं पहुंच पा रहा। जिन्हें दो सौ क्विंटल की दरकार होती हैं उन्हें अब सौ क्विंटल भी चीनी उपलब्ध नहीं हो पा रही।
आने वाले हैं त्योहार
शहर में हर रोज लगभग बीस ट्रक चीनी की खपत है। एक ट्रक में लगभग ढाई सौ क्विंटल चीनी आती है। जमाखोर चीनी को बीच में ही कहीं डंप करा दे रहे हैं। डिमांड के मुताबिक चीनी मार्केट में नहीं आने से रेट हाई होता जा रहा है। कारोबारियों को डर है कि चीनी का रेट कहीं चार हजार रुपये प्रति क्विंटल पार न कर जाए। चीनी की बढ़ती कीमत ने मिठाई कारोबारियों से लेकर आम जनों को सकते में डाल दिया है। जल्द ही त्योहारों का मौसम आने वाला है। सप्ताह भर बाद ईद है, एक माह बाद सावन शुरू होगा। रक्षाबंधन, नागपंचमी, कृष्णजन्माष्टमी आदि त्योहारों की धूम रहेगी। ऐसे में चीनी की बढ़ती कीमत चिंतिंत करने वाली हैं।
ऐसे बढ़ा चीनी का रेट
-22 मई को 2850
-23 मई को 2900
-24 मई को 2950
-25 मई को 3000
-26 मई को 3050
-27 मई को नो सेल
-28 मई को 3100
-29 मई को 3200
-30 मई को 3250
-31 मई को 3300
-एक जून को 3300
-दो जून को 3350
-तीन जून को 3400
-चार जून को 3400
-पांच जून को 3500
-छह जून को 3600
-सात जून को 3600
-आठ जून को 3700
(नोट- चीनी का रेट प्रति क्विंटल में है)
एक नजर
38-40
रुपये प्रति केजी रिटेल में बिक रही चीनी
3700
रुपये प्रति क्विंटल होल सेल में बिक रही चीनी
20
ट्रक रोजाना है शहर में चीनी की खपत
1
ट्रक में ढाई सौ क्विंटल आती है चीनी
यहां से आती है चीनी
फैजाबाद, बलरामपुर, मकांपुर, बुलारिया आदि शुगर मिल से चीनी की आवक शहर में होती है।
इस बार चीनी का प्रोडक्शन काफी अच्छा हुआ है। जिसका फायदा जमाखोर चीनी डंप करके उठा रहे हैं। उम्मीद थी कि प्रोडक्शन बेहतर होने के चलते चीनी का रेट कम होगा लेकिन यह तो बढ़ता ही जा रहा। चीनी के बढ़ते रेट ने कारोबारियों की परेशानियां बढ़ा दी है।
प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष
विशेश्वरगंज-भैरोनाथ व्यापार मंडल
पिछले पंद्रह दिनों में चीनी का रेट 2800 सौ से 3700 तक पहुंच गया। होलसेल में जब आढ़तियों को परेशानियां हो रहीं है तो ऐसे में रिटेल कारोबारियों की क्या स्थिति होगी समझा जा सकता है।
शशांक साहु, चीनी आढ़तियां
विशेश्वरगंज
चीनी के रेट ने तो वाकई हर किसी के लिए संकट पैदा कर दिया है। त्योहारों का समय नजदीक है ऐसे में चीनी की बढ़ती दरें चिंताजनक हैं। चीनी डंप कर रहे जमाखोरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
विजय कांत, आढ़तिया
विशेश्वरगंज