VARANASI: हो सकता है कि किसी बात से परेशान होकर कोई मां खुद को खत्म कर ले लेकिन अपनी टेंशन के चलते कोई मां तीन मासूमों की जिंदगी को भी कुर्बान कर दे तो ये सोच कर ही दिमाग चकरा जाता है। कुछ ऐसा ही हुआ रोहनियां के मिल्खिचख पुर गांव में, जहां बूढ़ापुर गांव की रहने वाली तारा उर्फ रेखा ने अपने तीन बच्चों साधना, अक्षय व रोहित संग ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। ये घटना चौंकाने वाली तो है ही लेकिन इन चारों मौतों के पीछे वजह रही गफलत। वो भी एक पति और पिता के चलते।

शनिवार की रात तारा का अपने पति हरिश्चन्द्र से किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। इससे नाराज हरिश्चन्द्र ट्रेन के आगे कूदकर मरने की बात कहकर घर से निकला। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पति को रोकने के लिए तारा भी बच्चों संग पति के पीछे हो ली। थोड़ी दूर पर पति तो खेत में छुप गया लेकिन पत्नी ने पति की मौत की बात सोचकर महंगाई के दौर में तीन बच्चों को पालने से बेहतर बच्चों संग मर जाना ही समझा।

शराबी था पति

लमही की रहने वाली तारा की शादी 14 साल पहले बूढ़ापुर के हरिश्चन्द्र से हुई थी। हरिश्चन्द्र फूल मशीन चलाने और खेती बारी का काम करता है। शादी के बाद दोनों को तीन बच्चे साधना (13 वर्ष), अक्षय (11 वर्ष) व रोहित (6 वर्ष) हुए। शादी के बाद हरिश्चन्द्र अक्सर शराब के नशे में घर पहुंच हंगामा करता था इसलिए पिता रामलाल ने उसे गांव में ही दस बिस्वा जमीन और एक घर देकर अलग कर दिया था। घर में पत्नी और बच्चों संग हरिश्चन्द्र अक्सर शराब के नशे में मारपीट करता था। गांव वालों की मानें तो शनिवार की रात लगभग साढ़े दस बजे भी दोनों के बीच जमकर मारपीट हुई। इसकी वजह गांव में किसी को भी नहीं पता।

धनिया बोना था वजह

भले ही गांव वाले इस झगड़े की वजह न बता पा रहे हो लेकिन पति हरिश्चन्द्र खेत में धनिया बोने को लेकर हुए झगड़े की बात कह रहा है। हरिश्चन्द्र की मानें तो शनिवार को वो धनिया बोने के लिए बीज लेकर आया था और घर में रखकर आराम करने लगा। इस पर पत्नी तारा ने उससे इसी समय जाकर धनिया बोने को कहा और पति को जबरदस्ती खेत भेजने लगी। उस समय तो बात आई-गई हो गई लेकिन इसी बात को लेकर शाम में नशे की हालत में घर लौटे हरिश्चन्द्र ने पत्नी को पीटना शुरू कर दिया।

पत्नी ने भी किया पलटवार

नशे की हालत में हरिश्चन्द्र ने जब पत्नी को दो थप्पड़ जड़े तो गुस्से में झुंझलाई पत्नी ने पति पर पलटवार करते हुए उसे जोरदार धक्का दे दिया। इसके चलते हरिश्चन्द्र गिर पड़ा और सीढ़ी के पास पड़े ईंट से टकराने से उसे चोट भी लग गई। इससे नाराज हरिश्चन्द्र ने पत्नी को ये कहकर घर छोड़ दिया कि वो ट्रेन के आगे कूदकर मरने जा रहा है। पति की इस बात को सुनकर तारा ने पति को रोकने की कोशिश की लेकिन वो नहीं माना और घर से निकल गया।

 प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो पति को रोकने के लिए तारा अपने तीनों बच्चों संग उसके पीछे हो ली। थोड़ा दूर जाने के बाद हरिश्चन्द्र पत्नी को बच्चों संग पीछे आता देखकर ट्रैक पर आती टे्रन के आगे से ट्रैक पारकर खेत में छुप गया लेकिन शायद तारा ने पति की मौत की बात सोच ली और इसके बाद उसने जो किया, उसकी उम्मीद किसी को न थी।

लेट गई एक साथ

गांव वालों को आंकलन है कि पति की मौत के बारे में सोचकर तारा के दिमाग ने काम करना बंद कर किया होगा। महंगाई के दौर में बगैर पति के तीन बच्चों का पालने की बात सोचकर घबराई तारा ने बच्चों को मरने के लिए प्रेरित किया होगा। बच्चे अपने साथ हो रही चीजों को समझते इससे पहले तारा अपने तीनों बच्चों संग मिल्खिचखपुर गांव में रेलवे ट्रैक पर लाइन से लेट गई। पहले खुद फिर बेटी और दोनों बेटों संग ट्रैक पर लेटकर तारा ट्रेन के आने का वेट कर ही रही थी। सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर मुम्बई से लौट रही जनसाधारण एक्सप्रेस ने तारा व उसके बच्चों को हमेशा के लिए सुला दिया। घटना इतनी दर्दनाक थी कि मौके पर तारा व उसके दो बच्चों की लाश ट्रैक के अगल बगल जा गिरी जबकि छोटा बेटा रोहित ट्रैक पर ही पड़ा तड़पता रहा।

सास को किया फोन

तारा के काफी देर तक घर न लौटने पर सुबह सात बजे हरिश्चन्द्र ने अपनी सास कुसुम देवी को फोन कर तारा और बच्चों संग कहीं निकल जाने की बात कही। थोड़ी ही देर बाद गांव के ही लोगों ने हरिश्चन्द्र के घर पहुंच घटना की सूचना दी। सूचना पाकर पूरे गांव में कोहराम मच गया। मौके पर लोगों ने पहुंचकर एक साथ चार लाशों को देखकर हरिश्चन्द्र को कोसना शुरू कर दिया।

तो बच जाता रोहित

रोहित की मौत के लिए जितने जिम्मेदार उसके मां-बाप हैं, उससे ज्यादा जिम्मेदार मिल्खिचखपुर गांव के लोग हैं। हादसे के बाद मौके पर जमा भीड़ ने बताया कि ट्रेन के गुजरने के बाद तारा, अक्षय और साधना की मौत तो तुरंत हो गई थी जबकि रोहित एक घंटे तक रेलवे ट्रैक पर पड़ा तड़पता रहा। गांव वालों ने ये देख पुलिस को सूचना दी लेकिन पुलिस भी सूचना मिलने से काफी देर बाद पहुंची। खून से लथपथ रोहित को तड़पता वहां मौजूद हर शख्स देख रहा था लेकिन किसी ने उसे अस्पताल ले जाना भी ठीक न समझा। इसके चलते पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही रोहित ने भी दम तोड़ दिया।

पति की हरकतों से परेशान थी तारा

गांव वालों की मानें तो हरिश्चन्द्र का चाल-चलन ठीक नहीं था। इसके चलते ही पत्नी तारा से उसका अक्सर झगड़ा होता था। शनिवार की रात भी दोनों के बीच झगड़ा धनिया बोने की बात लेकर नहीं बल्कि गांव की ही एक लड़की से हरिश्चन्द्र के चल रहे चक्कर को लेकर हुआ था। हरिश्चन्द्र कमाता तो ठीक ठाक था लेकिन घर पर रुपये न देकर सारा पैसा शराब में उड़ा देता था। शनिवार को भी पैसा न होने पर उसने अपनी प्रेमिका से 300 रुपये उधार लिये थे और जाकर शराब पिया था। ये बात तारा को पता चल गई थी और इसका ही वो विरोध कर रही थी। गांव वालों ने बताया कि रात में तारा हरिश्चन्द्र से इस बात पर लड़ रही थी कि शराब पीने के लिए उसने दूसरी औरत से पैसा क्यों लिया? उससे क्यों नहीं मांगा। इस पर ही हरिश्चन्द्र ने पत्नी को मारना-पीटना शुरू कर दिया था।

दी थी दस बिस्वा जमीन

हरिश्चन्द्र चार भाईयों में सबसे बड़ा था लेकिन मां-बाप उसकी नशे की आदत से परेशान थे। इस बारे में हरिश्चन्द्र की मां प्रभावती देवी ने बताया कि पांच साल पहले बेटे की हरकतों के चलते पिता रामलाल ने उसे दस बिस्वा जमीन देकर घर से अलग कर दिया था। उसके बाद से हरिश्चन्द्र से किसी घर वाले का ज्यादा लेना देना नहीं था। शनिवार को रात में दोनों के बीच झगड़े की बात सुनकर प्रभावती हरिश्चन्द्र के घर जाकर उसे समझा कर लौटी थी लेकिन उसे क्या पता था बेटे को समझाने के बाद बहू ही ऐसा कदम उठा लेगी।

मौत के लिए किया लंबा सफर

तारा ने मरने के लिए बहुत लंबा सफर किया था। बूढ़ापुर गांव की दूरी घटना स्थल मिल्खिचखपुर गांव से लगभग चार किमी है। रात में पति के साथ झगड़े बाद पति, पत्नी बच्चों के साथ पैदल ही घर से निकले थे लेकिन पति पत्नी को झांसा देकर घर पहुंच गया और सुकून से सो गया लेकिन बच्चों संग इतना लंबा चल कर आई तारा ने वापस घर लौटने से अच्छा बच्चों संग मरना ही सही समझा।

पुराना नाटकबाज है हरिश्चन्द्र

हरिश्चन्द्र की छवि गांव में अच्छी नहीं है। गांव का हर व्यक्ति हरिश्चन्द्र को नशेड़ी ही कहता है। गांव वालों ने बताया कि दस साल पहले भी हरिश्चन्द्र ने बकायेदारों से बचने के लिए एक नाटक रचा था। वो घर से अचानक गायब हो गया और एक दिन लौट कर आया। पूरे शरीर पर ब्लेड से कटने के निशान देखकर हर कोई दंग था। सबने पूछा तो हरिश्चन्द्र ने खुद को अगवा किए जाने की बात बताकर लोगों को आश्चर्य में डाल दिया था। रोहनियां एसओ धर्मवीर सिंह की मानें तो घटना की वजह पति-पत्नी बीच हुआ विवाद है लेकिन ये जांच भी की जा रही है कि कहीं सुसाइड के लिए पति ने पत्नी और बच्चों को उकसाया तो नहीं था.  फिलहाल पुलिस ने इस घटना के बाद हरिश्चन्द्र को हिरासत में ले लिया है।