-सोनाहातू के सुकरा सिंह मुंडा ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेश कच्छप को 19 वोट से हराया

-सुकरा को 26, राजेश कच्छप को 7 व आरती कुजूर को तीन वोट मिले

-पार्वती देवी 27 वोट लाकर बनीं उपाध्यक्ष, एनुल हक को मात्र 9 वोट मिले

RANCHI: रांची जिला परिषद अध्यक्ष पद सोनाहातू के सुकरा मुण्डा ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेश कच्छप को क्9 वोटों से हरा कर जीत लिया है। शुक्रवार को रांची जिला परिषद कार्यालय में हुए चुनाव में सुकरा मुण्डा को ख्म्, राजेश कच्छप को 7 और आरती कुजूर को तीन वोट मिले। इसके बाद रांची डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी मनोज कुमार, निर्वाची पदाधिकारी संजीव कुमार लाल ने सुकरा मुण्डा को निर्वाचित घोषित करते हुए सर्टिफिकेट प्रदान किया। वहीं, जिला परिषद उपाध्यक्ष पद के चुनाव में ख्7 वोट के साथ पार्वती देवी विजयी हुई। जबकि दूसरे उम्मीदवार एनुल हक को मात्र 9 वोट मिले। गौरतलब हो कि सुकरा सिंह मुण्डा आजसू पार्टी से जुड़े रहे हैं। उनकी जीत के लिए आजसू पार्टी के लोग काम कर रहे थे। इससे पहले जिला परिषद कार्यालय में सभी फ्म् निर्वाचित जिला परिषद सदस्यों को शपथ दिलाई गई.इसके बाद चुनाव के लिए सुकरा सिंह मुण्डा, राजेश कच्छप व आरती कुजूर ने नामांकन दाखिल किया।

सुदेश ने तय किया था नाम

रांची जिला परिषद में फ्म् निर्वाचित सदस्यों में ख्भ् लोग ऐसे चुनकर आए थे, जिनका आजसू पार्टी से जुड़ाव था। बाकी लोग कांग्रेस, बीजेपी व शिवसेना से जुड़े हुए थे। ऐसे में यह पहले से तय था कि इस बार रांची जिला परिषद अध्यक्ष के पद पर आजसू समर्थक ही काबिज होगा। लेकिन कौन होगा इसको लेकर सिर्फ अटकलें ही लग रहीं थीं। कई नाम सामने आ रहे थे, लेकिन गुरुवार की देर रात आजसू पार्टी की मीटिंग में सुकरा सिंह मुण्डा का नाम तय हुआ। इसकी घोषणा शुक्रवार की सुबह आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने की। साथ ही समर्थकों को जिला परिषद अध्यक्ष के लिए सुकरा सिंह मुण्डा को जीतवाने का आदेश दिया। हालांकि यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव दलगत आधार पर नहीं होता है, इसलिए पार्टी ने खुलकर इस बारे में बात नहीं की, लेकिन आजसू के रणनीतिकार अंदर खाने अपने समर्थक को जिला परिषद अध्यक्ष बनाने के प्रयास कर रहे थे।

जनता की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा: सुकरा

रांची जिला परिषद के निर्वाचित अध्यक्ष सुकरा सिंह मुण्डा ने अपनी जीत पर कहा कि इसके लिए वह सभी सदस्यों को बधाई देते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। रांची जिले के सभी पंचायतों में विकास के लिए काम करेंगे। लोग उनको जिस उम्मीद के साथ चुने हैं, उसे वो पूरा करेंगे।

कांग्रेस-बीजेपी ने पहले ही मानी हार

रांची जिला परिषद अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने पहले ही हार मान ली थी। हालांकि चुनाव के बाद बीजेपी ने सत्तारुढ़ दल होने के दम पर अपने प्रत्याशी की जीत के लिए प्रयास शुरू की थी, लेकिन बीजेपी जिस आरती कुजूर को अपना उम्मीदवार बनाने की सोच रही थी उनको लेकर एक राय नहीं बन पा रही थी। कांग्रेस का हाल भी कुछ ऐसा ही था। उसके समर्थक बहुत कम जिला परिषद सदस्य चुने गए थे।