-अबतक 1.31 करोड़ परिवारों को शौचालय की सुविधा

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क्त्रह्र॥ञ्जन्स्/क्कन्ञ्जहृन्: अगले वर्ष 22 मार्च 2019 को 'बिहार दिवस' से पहले पूरे बिहार को खुले में शौच से मुक्तघोषित किया जाए। यह बातें डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कही। वे विश्व शौचालय दिवस पर ज्ञान भवन में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सोच बदलिए, शौचालय चलिए। 2014 में जहां बिहार के 22 परसेंट घरों में शौचालय था वहीं पिछले 4 वषरें में 82.40 परसेंट घरों में 86 लाख से ज्यादा शौचालय बन चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के 11 जिले ओडीएफ घोषित किए जा चुके हैं।

दो अक्टूबर तक है देश में लक्ष्य

2 अक्टूबर 2019 तक पूरे देश को खुले में शौच से मुक्तकरने का लक्ष्य है। मोदी ने कहा कि देश में बिहार पहला राज्य है जहां केंद्रीय योजना में प्रावधान नहीं होने के बावजूद एपीएल परिवारों को भी शौचालय निर्माण के लिए राज्य बजट से 12 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकलन के अनुसार अगर देश पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्तहो जाता है तो प्रतिवर्ष 3 लाख बच्चों को डायरिया से बचाया जा सकेगा। 100 साल पहले महात्मा गांधी ने स्वच्छता का नारा दिया और कहा कि राजनीतिक आजादी से मेरे लिए बड़ा मुद्दा स्वच्छता का है। 1953 में लोहिया ने नेहरू से कहा था कि मैं आपका विरोध करना छोड़ दूंगा अगर आप शहर और गांवों में शौचालय बनवा दें। 1974 में बिन्देश्वर पाठक ने पटना में सामूहिक शौचालय बनवाया। हाल ही में बीजिंग की पीसी में दुनिया के वैज्ञानिकों को पानी रहित शौचालय विकसित करने की चुनौती दी है।