संडे और मंडे को जंक्शन पर रेल नीर के लिए मचा रहा हाहाकार

पैसेंजर रहे परेशान, अमेठी स्थित प्लांट से नहीं आ सका ट्रक

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PRAYAGRAJ: दीपावली के बाद वापसी के साथ ही छठ त्यौहार के लिए दिल्ली-हावड़ा रूट की ट्रेन पकड़ने के लिए इलाहाबाद जंक्शन पर पैसेंजर्स की जबर्दस्त भीड़ उमड़ रही है। वहीं ट्रेनें भी फुल पैक चल रही हैं। इस बीच इलाहाबाद जंक्शन पर पिछले दो दिन से रेल नीर की जबर्दस्त क्राइसेस बनी हुई है। प्यास से व्याकुल पैसेंजर्स स्टॉल संचालकों से पानी की बोतल मांग रहे हैं, लेकिन स्टॉल संचालक नहीं दे पा रहे हैं। क्योंकि उनके पास स्टॉक ही नहीं हैं।

ठप है रेल नीर की सप्लाई

शहर से बाहर हाईवे पर लग रहे भीषण जाम और नो इंट्री की वजह से लग रही ट्रकों की लंबी लाइन की वजह से इलाहाबाद जंक्शन पर रेल नीर की सप्लाई रविवार से ठप है। इसकी वजह से पैसेंजर्स के साथ ही स्टॉल संचालक भी परेशान हैं। पैसेंजर्स पानी की बोतल मांग रहे हैं, लेकिन स्टॉल संचालक दे नहीं पा रहे हैं।

अमेठी में लगा है प्लांट

अमेठी में रेलवे द्वारा रेल नीर का प्लांट लगाया गया है। वहां से ट्रकों पर लाद कर रेल नीर विभिन्न स्टेशनों पर सप्लाई किया जाता है। प्रयागराज में रतन अग्रवाल ने रेल नीर की एजेंसी ले रखी है। यहां अमेठी स्थित प्लांट से रेल नीर ट्रक पर लादकर लाया जाता है और फिर स्टॉलों पर व ट्रेनों में सप्लाई की जाती है। शुक्रवार को ही अमेठी स्थित प्लांट से तीन ट्रक रेल नीर प्रयागराज के लिए रवाना किया गया। ये शनिवार को सहसों में आकर फंस गया। नो इंट्री की वजह से लगे जाम में सोमवार तक रेल नीर से भरे ट्रक खड़े रहे। इसकी वजह से सप्लाई नहीं हो सकी।

वाटर वेंडिंग मशीन नाकाफी

पैसेंजर्स को कम रेट पर स्वच्छ व ठंडा मिनरल वाटर उपलब्ध कराने के लिए जंक्शन पर वाटर वेंडिंग मशीन लगे हैं। लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहे हैं। पैसेंजर्स की भीड़ इतनी ज्यादा है कि पैसेंजर्स वाटर वेंडिंग मशीन तक पहुंच ही नहीं पा रहे हैं।

दूसरी कंपनी का नहीं बेच सकते

रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में रेल नीर के अलावा अन्य कंपनियों का मिनरल वाटर नहीं बेचा जा सकता। स्टॉल संचालकों व पैंट्री कार संचालकों से किए गए समझौते में यह स्पष्ट है। इसलिए क्राइसेस होने के बाद भी स्टॉल संचालक कार्रवाई के डर से अन्य कंपनियों का मिनरल वाटर नहीं मंगा रहे हैं। एक तरफ जहां कार्रवाई का डर है। वहीं दूसरी तरफ अन्य कंपनियों का मिनरल वाटर महंगा पड़ता है, जिसे पंद्रह रुपये में नहीं बेचा जा सकता है।

सहसों में तीन ट्रकों के जाम में फंसने और मजदूरों के न आने की वजह से रेल नीर की सप्लाई नहीं हो सकी। मजदूर आ गए होते तो उन्हें सहसों भेज कर छोटी गाडि़यों से रेल नीर मंगा लेते। सोमवार की देर शाम तक ट्रक आने के बाद सप्लाई को सुचारू कर लिया जाएगा।

रतन अग्रवाल

रेल नीर एजेंसी संचालक