कोर्ट के एक साइट पर जहां मौजूदा नंबर वन स्पेनिश प्लेयर राफेल नडाल होंगे तो दूसरी तरफ उनकी सर्विसेज का जवाब देंगे नंबर वन बनने जा रहे सर्बिया के नोवाक जोकोविच. जोकोविच जहां पहली बार विंबलडन के फाइनल में शिरकत करेंगे तो वहीं 2 बार यहां चैंपियन रहे नडाल इस टाटइल को डिफेंड करने उतरेंगे. इन दोनों टॉप रैंकिंग वाले प्लेयर्स के मौजूदा आंकड़े उन्हें टाइटल का स्ट्रांग कंटेंडर साबित करते हैं. अब आप ही तय कीजिए कि दोनों में कौन बन सकता है विंबलडन का विनर.

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जोकोविच का पलड़ा भारी

अगर ओवरऑल मुकाबलों की बात करें तो इसमें नडाल का पलड़ा भारी है. अब तक दोनों के बीच कुल मिलाकर 27 मैच खेले गए, जिनमें 16 में नडाल, जबकि 11 में जोकोविच ने जीत दर्ज की है. वहीं इस साल हुए मुकाबलों में जोकोविच ने खुद को नडाल पर बेस्ट साबित किया है. 2011 में अब तक जोकोविच ने नडाल को सभी 4 मुकाबलों में मात दी है और दिलचस्प बात यह है कि यह चारों मुकाबले फाइनल थे. इस साल जोकोविच ने महज एक मुकाबला गंवाया है (फ्रेंच ओपेन के सेमीफाइनल में), जबकि कुल 7 टाइटल्स जीते हैैं. इस लिहाज से जोकोविच को एडवांटेज मिल सकता है.

ग्रास कोर्ट पर चमके नडाल

नडाल को अब सिर्फ क्ले कोर्ट किंग नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ग्र्रास कोर्ट पर खेले जाने वाले विंबलडन में यह उनका पांचवां फाइनल है. पिछले 4 फाइनल मुकाबलों में उन्हें दो बार हार का सामना करना पड़ा, जबकि दो बार वह जीत दर्ज करने में सफल रहे. यही नहीं इस स्पेनिश लेफ्ट हैंडर ने ऑल इंग्लैंड क्लब में लगातार 20 मैच जीते हैं. उन्हें आखिरी बार इस कोर्ट पर 2007 के फाइनल में रोजर फेडरर ने हराया था.

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दूसरी तरफ जोकोविच ने जो दो ग्र्रैंडस्लैम (आस्ट्रेलियन और यूएस ओपेन) जीते हैं, वो दोनों ही हार्ड कोर्ट पर खेले जाते हैं. इसके अलावा यह उनका पहला विंबलडन फाइनल भी है. ऐसे में हाल ही में फ्रेंच ओपेन और यहां दो टाइटल जीत चुके नडाल को फायदा मिल सकता है.

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