ब्रिटिश ब्लडहाउंड के इस प्रोजेक्ट को विमान इंजन बनाने वाली कंपनी रॉल्स रॉयस प्रायोजित कर रही है.

रॉल्स रॉयस इसके लिए वित्तीय और तकनीकी, दोनों तरह की मदद मुहैया कराएगी.

इस सुपरकार में ईजे200 जेट इंजन लगाया जाएगा जिसका इस्तेमाल अकसर लड़ाकू विमान यूरोफ़ाइटर टाइफ़ून में होता है.

ब्लडहाउंड का कहना है कि पहले जेट इंजन का इस्तेमाल कर क्लिक करें कार की रफ़्तार को लगभग 350 मील प्रति घंटा किया जाएगा. उसके बाद उसकी रॉकेट मोटर को शुरू कर दिया जाएगा जिससे कार को सुपरसोनिक रफ़्तार मिलेगी.

इस प्रोजेक्ट का मकसद अगले साल ज़मीनी रफ़्तार के मौजूदा रिकॉर्ड 763 मील प्रति घंटा को तोड़ना है. इसके बाद 2015 तक इस रफ़्तार को बढ़ा कर एक हजार मील प्रति घंटा यानी 1610 किलोमीटर प्रति घंटा तक ले जाने की योजना है.

रफ़्तार का खेल

इस क्लिक करें कार को पहली बार दक्षिण अफ्रीका में किसी सूखी झील की सतह पर चलाया जाएगा.

ब्लडहाउंड ने इस कार को बनाने वाली टीम में उन अहम लोगों को भी शामिल किया हैं जिन्होंने 1997 में ज़मीनी रफ़्तार का मौजूदा रिकॉर्ड कायम किया था. इनमें ड्राइवर एंडी ग्रीन और प्रोजेक्ट निदेशक रिचर्ड नोबल के नाम खास तौर से शामिल हैं.

रफ़्तार का रिकॉर्ड बनाने वाली कार

इसी कार के साथ एंडी ग्रीन ने रफ्तार का रिकॉर्ड बनाया था

वैसे रॉल्स रॉयस रफ़्तार के रिकॉर्ड बनाने की ऐसी कोशिशों में शामिल होने के लिए आसानी से तैयार नहीं होती है. लेकिन ब्लडहाउंड के पेशेवर काम को देखते हुए वो इसका हिस्सा बने हैं.

क्लिक करें रॉल्स रॉयस के इंजीनियरिंग और टेक्नॉलजी के निदेशक कॉलिन स्मिथ कहते हैं, “मैं रिचर्ड नोबल के डिजाइन और उनकी सुरक्षा से जुड़ी प्रक्रिया से प्रभावित हूं और उनका रिकॉर्ड अच्छा रहा है.”

इस कार परियोजना के लिए ब्रितानी रक्षा विभाग से तीन ईजे200 विमान इंजन उधार लिए गए हैं जिनमें से दो कार में इस्तेमाल होंगे जबकि एक स्पेयर पार्ट्स की तरह इस्तेमाल में आएगा.

ब्लडहाउंड के मुख्य इंजीनियर मार्क चैपमैन कहते हैं, “ईजे200 को यूरोफ़ाइटर टाइफ़ून को ध्यान में रख कर ही तैयार किया गया था और ये टाइफून कंट्रोल सिस्टम में ही रहता है. तो हमें इस कार को टाइफ़ून के अंदाज़ में ही तैयार करना होगा ताकि उसका इंजन यूरोफ़ाइटर वाले अंदाज़ में ही काम कर सके.”

'शिक्षा पर प्रतिबद्धता'

ज़मीनी रफ़्तार का मौजूदा रिकॉर्ड बनाने वाली ग्रीन और नोबेल की पिछली कार थ्रस्ट एसएससी में रॉल्स रॉयस का स्पे 202 इंजन लगा था जो बुनियादी तौर पर क्लिक करें फैंटम और बुकानियर जैसे सैन्य विमानों के लिए तैयार किया गया था. लेकिन ईजे200 इससे भी कहीं आगे की चीज़ है.

रॉल्स रॉयस का कहना है कि ब्लडहाउंड की शिक्षा को लेकर प्रतिबद्धता भी उनके इस परियोजना से जुड़ने की एक वजह है.

मौजूदा परियोजना की रुपरेखा पूर्व ब्रितानी रक्षा और विज्ञान मंत्री लॉर्ड ड्रेसन ने ये सोच तक तैयार की थी कि इसके ज़रिए विज्ञान, टेक्नॉलजी, इंजीनियरिंग और गणित जैसे विषयों में बच्चों को प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाए.

फ़िलहाल ब्लडहाउंड पांच हज़ार स्कूलों के साथ काम करता है, जिनके पाठ्यक्रम में सुपरसोनिकार से जुड़ी तकनीक को शामिल किया गया है.

ब्लडहाउंड अपनी नई कार को ब्रिटेन के ब्रिस्टल में एवनमॉउथ में तैयार कर रहा है. विमान उद्योग से जुड़े अन्य कंपनियां भी इस काम में मदद कर रही हैं.

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