RANCHI: सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी में 200 बेड का हॉस्पिटल बिना सुविधाओं के ही एक साल पहले चालू कर दिया गया। लेकिन 500 बेड के सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल को चालू होने में अब भी छह महीने का समय लगेगा। इसके बाद भी हॉस्पिटल में सुपरस्पेशियलिटी की सुविधाएं मरीजों को नहीं मिलेंगी। चूंकि हॉस्पिटल में आजतक आइसीयू जैसी जरूरी सुविधा भी शुरू नहीं की जा सकी है। बताते चलें कि 2011 से ही सदर हॉस्पिटल का नया भवन बनकर तैयार था। लेकिन इसे चालू कराने में स्वास्थ्य विभाग फेल साबित हो रहा था।

200 बेड हुआ था चालू

सुपरस्पेशियलिटी बिल्डिंग को सरकार प्राइवेट हाथों में देने की तैयारी में थी। ऐसे में देश के बड़े ग्रुप्स ने हॉस्पिटल चलाने की इच्छा जताई। लेकिन बाद में ग्रुप्स ने हाथ वापस खींच लिया। इस चक्कर में बिल्डिंग के निर्माण के बाद भी छह सालों तक हॉस्पिटल चालू नहीं हो पाया। इसके बाद अपर बाजार के समाजसेवी ज्योति शर्मा ने हाईकोर्ट में पीआइएल दायर की। जिसकी सुनवाई करते हुए हॉस्पिटल को चालू कराने का आदेश दिया गया। इसके बाद अगस्त 2017 में 200 बेड का हॉस्पिटल चालू कर दिया गया।

दिसंबर में होना था चालू

पीआईएल के बाद भी स्वास्थ्य विभाग पूरे हॉस्पिटल को चालू नहीं कर पाया। इस बीच कई बार हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग से हाईकोर्ट ने सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के संचालन के बारे में शपथ पत्र दायर करने को कहा। इसमें स्वास्थ्य विभाग ने दिसंबर तक सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल चालू कराने का शपथ पत्र दायर किया है। लेकिन काम की रफ्तार से अंदाजा लगाया जा सकता है कि छह महीने में भी हॉस्पिटल पूरी तरह से चालू नहीं हो पाएगा।

कंस्ट्रक्शन में बदलाव से बढ़ी समस्याएं

हॉस्पिटल का कंस्ट्रक्शन 2011 में ही पूरा कर लिया गया था। इस बीच लंबा गैप होने के बाद कई जगह डेविएशन किया जा रहा है। जिसके तहत पुरानी दीवारों को तोड़कर स्ट्रक्चर में बदलाव किया जा रहा है। वहीं कई जगह पर पतली दीवारों को मोटा करने का भी काम चल रहा है। इस चक्कर में काम बढ़ गया है। वहीं इस वजह से इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भी समस्या हो रही है। इतना ही नहीं, हॉस्पिटल के चारों ओर खुदाई करके छोड़ दिया गया है।