धर्म की आड़ में अपना जुगाड़

धर्म इतना विकृत रूप ले चुका है कि इसकी आड़ में लोग बीमार और परेशान लोगों को लूटने से बाज नहीं आ रहे हैं। कई गंभीर बीमारियों के इलाज के नाम पर यहां पर लोग अपना जुगाड़ सेट करते हैं। यहां तक कि इस चक्कर में कई लोग अपनी जान तक गंवा बैठते हैं। सिटी के कुछ ऐसे ही धार्मिक प्लेसेज पर ये धंधा चलाने वालों से मासूम 'पीके' के कुछ सवाल, अंदर के पेज पर।

- धर्म के नाम पर अंधविश्वास का खेल हर ओर है जारी, मंदिर, मजार और मुहल्लों में इलाज के नाम पर खूब होता है टोना, टोटका, झाड़ फूंक

- मानसिक रोगी का इलाज न करके लोग पड़ जाते हैं इन सब फिजूल की चीजों में, जो अक्सर पड़ता है भारी

VARANASI :

सीन-क्

कैंटोन्मेंट स्थित एक मजार पर डेली दुख और दर्द से सताए लोगों की भीड़ रहती है। लोग यहां पर अपनी जिंदगी के तमाम कष्टों के समाधान के लिए आते हैं लेकिन इस भीड़ में कुछ ऐसे लोग भी यहां दिखते हैं जो उलूल-जुलूल हरकतें करते हैं। सिर जमीन में पटकता, बाल खोल कर जमीन पर लोटना और न जाने क्या क्या। कई को तो अंदर ही बेडि़यों में बांधकर रखा जाता है। इंसानों संग इस तरह का बर्ताव करने की इजाजत शायद कोई धर्म नहीं देता लेकिन ये सब होता है सिर्फ और सिर्फ धर्म के नाम पर होने वाले इलाज के रूप में।

सीन-ख्

शहर से कुछ दूर बसे क्राइस्ट नगर के बारे में शायद हर किसी ने सुना होगा। आजमगढ़ रोड पर बसे इस गांव में हर बीमारी के शर्तिया इलाज का दावा किया जाता है। बांझपन से लेकर मानसिक बीमारी, मिर्गी और न जाने कितनी खतरनाक बीमारियों को जड़ से खत्म करने का दावा किया जाता है। जिसके कारण यहां डेली सैकड़ों लोगों की भीड़ इलाज कराने के लिए होती हैं।

ऊपर दिए गए दो सीन आपको सिर्फ ये बताने के लिए हैं कि अपने शहर में अंधविश्वास का गोरखधंधा जोर शोर से जारी है। गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज बगैर दवाई के करने वाले ये लोग हर जगह आपको मिल जायेंगे। मंदिर, मस्जिद, चर्च और मुहल्ले से लेकर संकरी-संकरी गलियों तक हर जगह इलाज के नाम पर लोगों की आस्था संग अंधा खेल किया जा रहा है और इनको रोकने वाला कोई नहीं है।

हर ओर होता है ये खेल

मानसिक बीमारी, मिर्गी, बांझपन, पथरी, पीलिया और चिकन पॉक्स जैसी बीमारियों का इलाज साइंस में भले कठिन हो। इंग्लिश से लेकर आयुर्वेद में इन बीमारियों के शर्तिया इलाज की गारंटी भले न दी जाती हो लेकिन धर्म और आस्था के नाम पर चल रही दुकानों पर इन बीमारियों का इलाज गारंटी के साथ होता है। मजार में मानसिक रोगियों को जिन्न उतारने के नाम पर कुछ इस तरह ट्रीट किया जाता है कि जैसे ये बीमार नहीं बल्कि कोई गुनाहगार हैं। मंदिरों ने चिकन पॉक्स जैसी बीमारी का इलाज पूजा पाठ से होता है और हद तक तब हो जाती है जब क्रिश्चियन कम्यूनिटी में सांप के काटे जाने तक का इलाज चंगाई विधि से ठीक करने का दावा कर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ होता है। इसके बावजूद लोग इन अंधविश्वासों से बाहर न निकलकर इनके चक्रव्यूह में फंसते जा रहे हैं।

कौन करेगा आजाद

- धर्म के नाम पर शहर के हर इलाके में गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज करने का दावा किया जाता है

- तंत्र और मंत्र से लेकर झाड़ फूंक कर हर बीमारी को ठीक करने की बात कही जाती है

- कई मजारों पर मानसिक रोगियों को बेडि़यों से बांधकर रखा जाता है

- कई मजारों के बाहर और अंदर मानसिक रोगी बाल खोलकर झूमते अपना सिर जमीन पर पटकते नजर आते हैं

- इनको यहां मौजूद मुजव्वर दवा न देकर झाड़ फूंककर जिन्न होने की बात कहते हैं और उसको बाहर निकालने के लिए कई दिनों तक उनको बुलाकर उनके इलाज का दावा करते हैं

- मंदिरों में भी टोना टोटका के नाम पर इलाज होता है

- पीलिया के इलाज के लिए पीतल की परात और चूने का यूज को होता है झाड़फूंक

- बुरी नजर लगने की बात कहकर लोहे के चाकू से नजर को काटने का दावा होता है

- नींबू को चौराहे पर फेंककर नजर उतारने की बात कही जाती हैं

- मिर्ची, कोयले और फिटकरी को जलाकर उतारी जाती है नजर

- इलाज के नाम पर मंदिरों में भी जानवरों की कुर्बानी देने का भी है चलन

- क्राइस्ट नगर में तो हर बीमारी के इलाज का होता है दावा

-गंभीर से गंभीर और जानलेवा बीमारी को चंगाई विधि से दूर करने का किया जाता है दावा

बहुत बड़ा है ये बाजार

-धर्म के नाम पर बीमारियों को ठीक करने का बाजार बहुत बड़ा है

- ओझा और तांत्रिक लोगों की गंभीर से गंभीर बीमारी ठीक करने के नाम पर हजारों लाखों रुपये से लेकर प्रॉपर्टी तक ऐंठ लेते हैं

-बांझपन और वशीकरण के नाम पर कई बड़े-बड़े बाबाओं के नाम का यूज होता है

- अखबारों और चैनलों पर कई बड़े बड़े बाबा और ज्योतिष बीमारी को ठीक करने का दावा करके लोगों की भीड़ जुटाते हैं

- गांव देहात के अलावा अब शहरों में भी अंधविश्वास का ये कारोबार तेजी से फल फूल रहा है

- बांझपन जैसी प्रॉब्लम को लिमिटेड टाइम पीरियड में इलाज करने का दावा करते हैं ओझा और तांत्रिक

इन बीमारियों को होता है शर्तिया इलाज

- मिर्गी, पीलिया, चिकन पॉक्स, पथरी, मानसिक रोगी, भूत प्रेत, वशीकरण, बांझपन, नंपुसकता, पीलिया, सांप का काटना और भी बहुत सी बीमारियों के इलाज को दावा मजार से लेकर मंदिरों और क्राइस्ट नगर जैसे गांवों में किया जाता है।

जान भी ले चुका है ये अंधविश्वास

धर्म के नाम पर चल रहा ये गोरखधंधा भले लोगों को राहत दे और लोग इसमे फंसते जा रहे हो लेकिन धर्म का ये काला कारोबार कईयों की जान भी ले चुका है। बीते दिनों ही मंडुवाडीह इलाके में एक ओझा के चक्कर में एक महिला की जान गई थी। चोलापुर में भी दो साल पहले एक बच्चे की बलि तांत्रिक के कहने पर दे दी गई थी। चौबेपुर में ही दो माह पहले सांप के काटने पर इलाज न कराकर झड़वाने लेकर ओझा के पास पहुंचे युवक की जान चली गई।