होटल ढाबों से खाना सप्लाई

जंक्शन पर अवैध वेंडर्स के हाथों बेचे जा रहे खाना और स्नैक्स की 70 परसेंट सप्लाई स्टेशन रोड पर बने कुछ होटल व ढाबों से होती है। रेलवे की चेकिंग बैच से जुड़े सोर्सेज ने बताया कि इन होटल व ढाबों से पूरी-सŽजी ही नहीं बल्कि हजारों की तादाद में हर दिन पैटीज व लोकल बिस्किट की भी सप्लाई होती है। यह सामान ज्यादातर रिक्शा या मोटरबाइक से सुभाषनगर पुलिया से सटे जंक्शन के खुले गेट से प्लेटफॉर्म 1 के अंतिम छोर पर पहुंचाया जाता है। जहां से यह प्लेटफॉर्म 2, 3 व 4 पर अवैध वेंडर्स को सप्लाई होने के साथ ही सुभाषनगर के कुछ खास ठिकानों पर बनाए गए स्टोर पर भी सेफ रखा जाता है।

खुलकर बिक रहा रीजेंसी

लोकल अनअप्रूव्ड पानी रीजेंसी की बिक्री प्लेटफॉर्म से लेकर स्टेशन रोड की दुकानों पर धड़ल्ले से चल रही है। जंक्शन पर जहां कुछ लीगल वेंडर्स खुद मोटे मुनाफे के लिए ट्रेनों में इसे बेच रहे हैं। वहीं बाहर स्टेशन रोड पर पान की दुकानों से लेकर जूस कॉर्नर तक में यह लोकल ब्रांड लोगों की प्यास बुझा रहा है। जंक्शन पर सख्ती के बाद इस पानी को खपाने के लिए स्टेशन रोड की दुकानें बेहतर जरिया बन रही है। इन दुकानदारों ने बताया कि इस पानी में ब्रांडेड कंपनी के मुकाबले मुनाफा ज्यादा होने और कस्टमर के कंप्लेन न करने की वजह से ही वह इसे बेच रहे हैं। चेकिंग बैच की अधिकार सीमा से बाहर होने के चलते इन दुकानों पर कभी कोई कार्रवाई भी नहीं होती।

पार्सल की आड़े में सप्लाई

जंक्शन पर अवैध खाना-स्नैक्स व अनअप्रूव्ड पानी की सप्लाई बेहद शातिराना तरीके से होती है। स्टेशन रोड से जंक्शन के खुले गेट से पार्सल की शक्ल में अनअप्रूव्ड पैटीज, केक व बिस्किट की सप्लाई की जाती है। वहीं खाने की सप्लाई थोड़ी थोड़ी क्वांटिटी में की जाती है। कई बार प्लेटफॉम्र्स पर लीगल वेंडर्स को ही मोटा कमीशन देकर बड़ा हिस्सा उसी से बनवाकर सीधे पैसेंजर्स को सर्व किया जाता है। आरपीएफ-जीआरपी की निगरानी न होने से इस माल की सप्लाई बेहद आसान होती है। वहीं अनअप्रूव्ड पानी रिजेंसी की सप्लाई देर रात में होती है। इसमें भी कई बार जंक्शन पर अप्रूव्ड कंपनी के कार्टन में रख कर रीजेंसी पानी की सप्लाई की जाती है।

आरपीएफ  का सुस्त रवैया

जंक्शन पर कॉमर्शियल टीम की ओर से किए जाने वाले चेकिंग अभियान को अक्सर उम्मीद से कम ही कामयाबी मिलती है। कॉमर्शियल डिपार्टमेंट की ओर से इसकी सबसे बड़ी वजह आरपीएफ-जीआरपी से कोऑर्डिनेशन की कमी होना बताना है। जंक्शन पर रेलवे के सामान और पैसेंजर्स के हितों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ की ही है। अवैध वेंडर्स के खिलाफ छापेमारी और कार्रवाई में आरपीएफ का रवैया हमेशा सुस्त रहा है। जंक्शन के किसी भी छोर पर आरपीएफ के जवान मजिस्ट्रेट या डीआरएम चेक के अलावा ड्यूटी निभाते कम ही दिखते हैं। सोर्सेज आरपीएफ की ओर से ही चेकिंग अभियान की खबर अवैध कारोबारियों को लीक करने की बात कहते हैं।