हार्ट ऑफ द सिटी सिविल लाइंस वार्ड में कई माह से हो रही गंदे पानी की सप्लाई

मेन रोड को देखकर खुश हो जाते हैं एरिया में आने वाले, गलियों की दशा है काफी खराब

ALLAHABAD: हाईकोर्ट का डंडा चलता है तो पूरा सिस्टम सिविल लाइंस की ओर दौड़ पड़ता है। दुकानदारों को खदेड़ा जाता है, इनक्रोचमेंट हटाया जाता है। लेकिन पब्लिक को वाकई में क्या समस्या है? इस पर किसी का ध्यान नहीं है। सिविल लाइंस द्वितीय क्षेत्र में पिछले कई महीने से गंदे व बदबूदार पानी की आपूर्ति समस्या बनी हुई है। लेकिन नगर निगम व जलकल के अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है। सिविल लाइंस द्वितीय क्षेत्र में पांच वर्ष में केवल 15 लाख रुपये का ही काम पार्षद के प्रस्ताव पर हुआ है। साफ-साफ शब्दों में कहें तो इस वार्ड व्यवस्था के दो रूप हैं। एक तरफ जहां मेनरोड को देखकर मन खुश हो जाता है, वहीं किसी भी गली में घुसते ही लगता है कि किसी दूसरी दुनिया में आ गए हैं।

ऐट ए ग्लांस-

वार्ड-45 सिविल लाइंस- द्वितीय क्षेत्र

पार्षद- नीलम रावत

एजूकेशन- हाईस्कूल

आबादी-18,000

वोटर- 10,000

मोहल्ला- 6, 8, 9 स्टेनली रोड, 6-5 ताशकंद मार्ग, 12-16 ताशकंद मार्ग, 5 पत्रिका मार्ग, 8-10, 2 11, टीबी सप्रू रोड, 8-5 कूपर रोड, 11 स्टेनली रोड, 26 थार्नहिल रोड, कानपुर रोड

सड़क-4-10

सिविल लाइंस शहर का ऐसा एरिया है, जिसे चमकाने के लिए गवर्नमेंट, एडीए के साथ ही नगर निगम ने भी पैसा पानी की तरह बहाया है। लेकिन इससे केवल सिविल लाइंस की मेन रोड ही चमक रही है। आस-पास की सड़कों व गलियों की हालत काफी खराब है। स्टेनली रोड, पत्रिका मार्ग, सरदार पटेल मार्ग जगह-जगह क्षतिग्रस्त हैं। सड़कें कुछ इस तरह से बनाई गई हैं, जिससे मेन रोड पर जागृति हॉस्पीटल के पास, चंद्रशेखर आजाद पार्क के सामने, रोडवेज के बगल, कानपुर रोड पर अक्सर जलभराव की स्थिति आती है।

सफाई- 4-10

सिविल लाइंस की मेन रोड को छोड़ कर साइड की सड़कों को नगर निगम ने कूड़ा अड्डा बना रखा है। पत्रिका मार्ग हो या फिर रिजेंसी चौराहा, हर जगह चौराहे पर ही कचरा फेंका जाता है। यहां एक-दो दिन तक कचरा पड़ा रहता है। कुल 19 स्थान ऐसे हैं, जहां कूड़ा फेंका जाता है। वहीं गलियों में गंदगी का ढेर लगा रहता है। सुबह-शाम झाड़ू केवल एमजी रोड पर ही लगता है।

नाला-नाली- 5-10

पत्रिका मार्ग पर होटल रिजेंसी से लेकर बजाज शोरूम तक, बीजेपी कार्यालय से लोकसेवा आयोग तिराहे तक पूरे रोड की नाली गायब हो गई है। नाली पर कब्जा कर लिया गया है। ताशकंद मार्ग का नाला बंद कर दिया गया है। जागृति हॉस्पीटल के सामने से लेकर म्योहाल पॉवर हाउस का नाला भी बंद कर दिया गया है। टीबी सप्रू रोड पर लोकसेवा आयोग तक का नाला जाम है। अग्निपथ का नाला बंद है। सिविल लाइंस द्वितीय क्षेत्र में कुल 14 नाले हैं, जिनमे से कुछ की ही सफाई हुई है।

पानी- 2-10

पॉश एरिया और पॉश वार्डो में से एक सिविल लाइंस द्वितीय क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या वाटर सप्लाई की है। इससे 70 परसेंट से ज्यादा आबादी परेशान है। पिछले कई महीने से पूरे इलाके में गंदे पानी की सप्लाई हो रही है। पानी इतना तेज बदबू दे रहा है कि उससे नहाना भी मुश्किल है। गंदे पानी की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं। कईयों की हालत खराब है। पेट की बीमारी के लोग शिकार हो रहे हैं। खुशरुबाग से हो रहे वाटर सप्लाई में कुछ गड़बड़ी बताई जा रही है। कुछ इलाकों में तो वाटर सप्लाई समय से नहीं होने की भी समस्या है।

आवारा पशु- 4-10

आवारा पशुओं के आतंक से सिविल लाइंस एरिया भी नहीं बचा है। यहां रोड पर दर्जनों गाय भैंस दिख जाएंगी। प्रतिबंध के बावजूद पशुपालन जोर-शोर से चल रहा है। भाजपा कार्यालय के आस-पास तो सूअरों का पूरा डेरा है। इनकी वजह से इलाके में गंदगी और बीमारी दोनों फैल रही है।

वार्ड बोलता है

गंदे और बदबूदार पानी की सप्लाई से पूरा इलाका परेशान है। मैं खुद पेट की बीमारी झेल रहा हूं। इसका कारण डॉक्टर ने गंदा पानी बताया है। लगातार दवा चल रही है। पानी इतना तेज बदबू करता है कि पीना तो दूर, नहाना भी मुश्किल हो रहा है।

विनोद कुमार रावत

आवारा पशुओं के आतंक से तो हम तंग आ चुके हैं। दिन भर गाय-भैंस व सूअर घूमते रहते हैं। कभी-कभी तो गाडि़यों से आकर टकरा जाते हैं, जिससे लोग अक्सर घायल होते रहते हैं।

संजय सिंह

पिछले कई महीने से गंदे व बदबूदार पानी की सप्लाई से घर के लोग बीमार पड़ने लगे है। पेट में दर्द की शिकायत बढ़ गई है। मजबूरी में वाटर प्यूरीफायर खरीदा। इससे गंदगी तो दूर हो गई, लेकिन पानी में बदबू की समस्या वैसे ही बनी हुई है।

वैभव शुक्ला

गंदे और बदबूदार पानी की सप्लाई क्यों हो रही है? इसकी जानकारी जल संस्थान के अधिकारियों व कर्मचारियों को भी नहीं है। कोई कह रहा है कि खुशरुबाग से समस्या है। तो कोई कह रहा है कि वार्ड की समस्या है। एक्चुअल समस्या क्या है, यह किसी को नहीं पता है।

पब्लिक डिमांड-

1. गंदे व बदबूदार पानी की सप्लाई से दिलाया जाए छुटकारा, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की हो व्यवस्था।

2. मेन रोड के साथ सिविल लाइंस से सटे सड़कों की कराई जाए मरम्मत

3. नाला-नाली को कराया जाए कब्जा मुक्त

4. जलजमाव की समस्या से दिलाया जाए छुटकारा

जवाब दो पार्षद जी

1. पांच साल के कार्यकाल से आपके वार्ड की जनता क्या आपके कार्यो से संतुष्ट है?

अगर ईमानदारी से कहूं तो केवल 30 परसेंट पब्लिक ही संतुष्ट होगी। 70 परसेंट पब्लिक असंतुष्ट। क्योंकि मेरे वार्ड में काम हो ही नहीं पाया है। नगर निगम अधिकारियों के साथ ही मेयर ने मेरी फाइलों को केवल पेंडिंग में डाला है। यहां केवल चर्चित और पहुंच वाले पार्षदों का ही काम होता है। शहर के कई वार्ड ऐसे हैं, जहां पार्षदों के प्रस्ताव पर तीन से चार करोड़ रुपये का काम हुआ है। वहीं मेरे वार्ड में केवल 15 लाख रुपये का काम हुआ है।

2. कौन से ऐसे कार्य हैं, जो रह गए अधूरे?

अधूरे कार्यो की संख्या और लिस्ट बहुत लंबी है। कानुपर रोड, 9 स्टेनली रोड पर तो कोई काम ही नहीं हुआ है। 9 स्टेनली रोड पर न तो पानी की लाइन बिछी है, न सीवर लाइन है, न तो नाली है और न ही इंटर लॉकिंग बिछाई गई है। जबकि 200 से 300 परिवार इस इलाके में रहते हैं।

3. क्या नगर निगम में पार्षदों के साथ भेदभाव होता है?

बिल्कुल, महिला पार्षदों की तो सुनी ही नहीं जाती है। जो पार्षद प्रभावशाली होता है। बस उसी के एरिया में काम होता है। जबकि वार्डो में विकास कार्य बराबर-बराबर के आधार पर होना चाहिए। चाहे वह पार्षद किसी पार्टी से जुड़ा हो या फिर न जुड़ा हो।

वार्ड रिपोर्टर

यहां अक्सर फंसते हैं वाहन

शहर के राजरूपपुर एरिया में बैंक आफ बड़ौदा के पास रोड पर बना गड्ढा कभी हादसे का सबब बन सकता है। अक्सर इस गड्ढे में गाडि़यां फंसती हैं। कई बार तो बाइक वाले भी गड्ढे की वजह से घायल हो चुके हैं, लेकिन जानकारी के बावजूद कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

नीतिन शर्मा, राजरूपपुर