न्ष्ठढ्ढञ्जङ्घन्क्कक्त्र: आठ महीने से बकाया वेतन नहीं मिलने से नाराज पेयजल स्वच्छता विभाग के अस्थायी कर्मी एक नवंबर से हड़ताल पर चले गए। हड़ताल के पहले दिन आवासीय कॉलोनी समेत आदित्यपुर के अन्य इलाकों में वाटर सप्लाई पर आंशिक असर पड़ा। कर्मचारियों ने गुरुवार से पूरी जलापूर्ति व्यवस्था को ठप करने की धमकी दी है। अगर ऐसा हुआ तो आदित्यपुर में पानी का संकट हो सकता है। वहीं देर शाम पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता अधीनस्थ अधिकारियों के साथ हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत करने सीतारामपुर डैम पहुंचे। हड़ताली तुरंत बकाया भुगतान की मांग कर रहे थे, जबकि अभियंता मुख्यालय से जल्द राशि आने की बात कह काम पर लौटने का आग्रह करते रहे। वार्ता में जिच कायम रही।

बिना भुगतान जारी रहेगी हड़ताल

कर्मचारी का नेतृत्व कर रहे झामुमो नेता बासोराम बेसरा ने बताया कि इन कर्मचारियों को आठ महीने से वेतन नहीं मिल रहा है। इससे पहले दुर्गापूजा के पहले बकाया भुगतान का आश्वासन मिला। दुर्गापूजा आने पर विभाग ने त्योहारों को देखते हुए जनहित में आंदोलन वापस लेने का आग्रह किया, जिसे कर्मचारियों ने मान लिया। उन्होंने कहा कि 12 अक्टूबर की मध्यरात्रि से कर्मी हड़ताल पर जाने लगे तो कार्यपालक अभियंता ने 30 अक्टूबर तक बकाए भुगतान का आश्वासन दिया। उसके बाद भी भुगतान नहीं हुआ तो कर्मचारी हड़ताल पर चले गए। भुंडा बेसरा ने कहा कि एक बार फिर टाल-मटोल के साथ कर्मचारी बात कर रहे हैं। इस बार बिना भुगतान कर्मचारी हड़ताल से नहीं लौटेंगे।

एक दशक से कर रहे काम

सीतारामपुर डैम से लेकर टंकी तक पानी पहुंचाने के लिए 25 अस्थायी कर्मचारी पिछले एक दशक से काम कर रहे हैं। इनलोगों को नकद वेतन का भुगतान किया जाता है। इनके वेतन के लिए राशि मुख्यालय से आती है। रजिस्टर में अंगूठे का निशान लगाकर या हस्ताक्षर करवाकर भुगतान किया जाता है।