सजा की अवधि पर होगा विचार

नीतीश कटारा हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है। दिल्ली सरकार ने हत्या के दोषी विकास, विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को फांसी देने की मांग की थी। इससे पहले अदालत इन तीनों को दोषमुक्त करने से मना कर चुकी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के जज इस बात पर सहमत हुए थे कि विकास और विशाल की 30 साल की सजा कम की जा सकती है, और इस पर विचार भी किया जाएगा।

जघन्य हत्याकांड की श्रेणी में नहीं है मामला

नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा ने दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी,जिसे सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया था। अदालत ने कहा कि ये सच है कि नीतीश की हत्या हुई थी, लेकिन ये मामला जघन्य या ऑनर किलिंग की श्रेणी में नहीं आता है।

15 साल पहले हुई थी नीतीश कटारा की हत्या

2002 में नीतीश कटारा की हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में पश्चिम उत्तर प्रदेश के चर्चित नेता डीपी यादव के बेटे विकास, विशाल यादव और दूसरे आरोपी को हाईकोर्ट ने 30-30 साल की सजा सुनाई है। विकास और विशाल अपनी बहन भारती और कटारा के कथित रिश्ते के खिलाफ थे। दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ नीतीश की मां नीलम कटारा ने आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी।

inextlive from India News Desk

National News inextlive from India News Desk