नियम का निकल गया दम, देर रात तक जमकर फोड़े गए बम

manish.mishra@inext.co.in

PATNA: दीपावली पर पटाखों की आवाज ने नियम का दम निकाल दिया। देर रात तक हुई आतिशबाजी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी पालन नहीं कराया जा सका। प्रतिबंध के बाद भी चाइनीज पटाखों से पटे बाजार में न तो दुकानदार पर कार्रवाई हुई और न ही देर रात तक आतिशबाजी करने वालों पर ही एक्शन हो सका। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रशासन गाइडलाइन जारी करने के बाद भी एक्शन लेने में पूरी तरह से फेल हो गया है।

खूब हुआ सेहत पर हमला

सांस से संबंधित मरीजों के साथ छोटे बच्चों की बढ़ी परेशानी।

सांस के मरीजों को पटाखों के धुआं से समस्या।

गैस के साथ निकलने वाले केमिकल से चर्म रोग के साथ एलर्जी के बढ़ गई शिकायत।

डॉक्टरों के पास बेचैनी और घबराहट के साथ ?लड प्रेशर की बढ़ी शिकायत।

आंखों में जलन होने के मामले आ रहे सामने।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश

पटाखों का उपयोग रात 8 से 10 बजे के बीच ही किया जाना है।

मात्र लाइसेंसी दुकानदार ही पटाखा बेच सकते हैं।

कम उत्सर्जन वाले पटाखों के ही निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

बेरियम का उपयोग पटाखों के निर्माण में नहीं किया जाएगा।

शांत क्षेत्र अस्पताल, विद्यालय, न्यायालय से 100 मीटर के दायरे में शोर करने वाले पटाखों का उपयोग प्रतिबंधित।

सामुदायिक आतिशबाजी को प्रोत्साहित करना।

निर्धारित समय सीमा में आतिशबाजी सुनिश्चित करने की जवाबदेही संबंधित थाना प्रभारियों की तय है।

कान के हडिडयों का अलग हो जाना।

कान के बारीक नसों का डैमेज होने का खतरा।

पटाखों की आवाज से दब गया आदेश

अंधेरा होते ही शुरु हो गया आतिशबाजी का दौर जो देर रात दो बजे तक चला।

पांच हजार पटाखा दुकानों में लगभग चार सौ दुकानदारों के पास लाइसेंस था।

जमकर फूटे अधिक धुआं निकालने व तेज आवाज वाले पटाखे।

बेरियम के उपयोग वाले पटाखों के कारण अधिक धुआं निकलता रहा।

अस्पताल और स्कूल ही नहीं शांत इलाकों में रात दो बजे तक होती रही आतिशबाजी।

सामुदायिक आतिशबाजी को लेकर कोई अवेयरनेस नहीं, खतरनाक पटाखों से मनी दीपावली।

रात दो बजे तक हुई आतिशबाजी, किसी भी थानेदार ने जवाबदेही के बाद भी नहीं की कार्रवाई।

दो करोड़ से अधिक का पटाखा बिका

पटना में दो करोड़ से अधिक की आतिशबाजी हुई है। पांच करोड़ से अधिक के पटाखे का थोक व फुटकर कारोबार होता है। दुकानदारों के मुताबिक हर घर में कम से कम तीन सौ का खर्च होता है। ऐसे में तीन लाख घरों में दो करोड़ से अधिक की आतिशबाजी का अनुमान है।