जो वोटर नहीं वह कैंडीडेट भी नहीं
रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट की धारा 62 (5) के तहत जेल में बंद या कानून पुलिस हिरासत में बंद व्यक्ति वोट नहीं दे सकता. इसी एक्ट की धारा 4 और 5 में कहा गया है कि जो वोटर है वही एमपी या एमएलए बन सकता है. इन्हीं धाराओं को आधार बनाकर पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इसमें कहा गया कि जब जेल में बंद व्यक्ति वोट नहीं दे सकता है तो कोई जेल में बंद व्यक्ति चुनाव कैसे लड़ सकता है? पटना हाईकोर्ट ने याचिका के समर्थन में फैसला दे दिया तो इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की गई. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए अपील खारिज कर दी.

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