उच्चतम न्यायालय ने मनोहर लाल शर्मा नाम के वकील की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए इस मामले में केंद्र, महाराष्ट्र सरकार और सीबीआई को भी नोटिस दिया है।

याचिका में अन्ना स्वयं सेवी संगठन हिंद स्वराज ट्रस्ट को दिए गए धन में कथित धांधली की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराए जाने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट के जज आफताब आलम और जज रंजना देसाई की पीठ ने याचिका मंजूर करते हुए सवाल किया कि हिंद स्वराज ट्रस्ट मामले की सीबीआई जांच क्यों नहीं की जानी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने इस मामले में चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। हालांकि अन्ना हज़ारे को नोटिस जारी किए जाने पर उनकी या उनके सहयोगियों की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। अन्ना रविवार से ही मौन व्रत पर हैं।

मामला

अन्ना हज़ारे पर आरोप है कि उन्होंने अपना जन्मदिन मनाने के लिए ट्रस्ट के पैसे का दुरूपयोग किया। अन्ना ने अपने 61वें जन्मदिन पर करीब 2.2 लाख रूपए खर्च किए थे।

कांग्रेस भी इस मामले को लेकर अन्ना हज़ारे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा चुकी है। हालांकि हज़ारे इन आरोपों को पूरी तरह नकारते हुए पहले ही कहा चुके हैं कि वह जन्मदिन मनाने में यकीन नहीं रखते और ट्रस्ट की पूरी संपत्ति का ब्यौरा रखा जाता है।

इससे पहले, पुणे की एक अदालत ने अन्ना हज़ारे को ट्रस्ट की रकम के कथित हेरफेर के इस मामले में जुलाई 2011 में क्लीन चिट दे दी थी। शिकायतकर्ता की ओर से मामला वापस लिए जाने के बाद हज़ारे को इन आरोपों से मुक्त कर दिया था।

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