- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भी लागू नहीं होगी लिंगदोह की सिफारिश

- सीसीएसयू के कुलपति ने कहा, हमेशा की तरह ही होंगे छात्रसंघ चुनाव

Meerut : चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के कुलपति छात्र संघ चुनाव के नियमों की जानकारी मिलने के बाद भी उन पर आंखें मूंद लेना चाहते हैं। आईनेक्स्ट ने हाल ही में खुलासा किया था कि सीसीएसयू में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के मुताबिक, प्रत्यक्ष चुनाव नहीं कराये जा सकते, बल्कि यह बड़ी यूनिवर्सिटी होने के कारण यहां इनडायरेक्ट चुनाव ही मुमकिन है। सुप्रीम कोर्ट लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें सख्ती से लागू करने का आदेश पहले ही दे चुका है।

वीसी की दो टूक

शुक्रवार को वीसी प्रो। एनके तनेजा ने स्पष्ट शब्दों में कहा, जिस तरह से चुनाव होते रहे हैं, वैसे ही इस बार भी होंगे। लिंगदोह कमेटी ने दाखिलों के छह महीने में चुनाव कराने को कहा है, नहीं कराएंगे तो वह भी उल्लंघन होगा। इसलिए अब इस सीधे चुनाव के फैसले को बदलना संभव नहीं है.' लिंगदोह कमेटी की ही दूसरी सिफारिशों के वितरीत चुनाव कराने के सवाल पर वीसी ने कहा, 'हम व्यवस्था में परिवर्तन की स्थिति में नहीं हैं.' वीसी ने कहा, अब वक्त नहीं है जो सही प्रक्रिया के तहत चुनाव कराएं जाएं। आईनेक्स्ट ने पूछा कि तो आप चुनाव कराने पर ही क्यों अड़े हैं? इस पर वीसी का जवाब था, 'दिखवाते हैं इस मामले को'।

यह है इनडायरेक्ट इलेक्शन

लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अनुसार मॉडल 6.2.4 के एनेक्जर 4 डी के अनुसार चुनाव का फॉर्मेट कुछ तरह होगा जिसे सीसीएसयू को लागू करना है। यह फॉर्मेट बड़ी यूनिवर्सिटीज के लिए है, इसलिए सीसीएसयू में भी लागू होना है।

-बीए, बीएससी व बीकॉम समेत विभिन्न अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट कोर्सेज के स्टूडेंट्स अपनी-अपनी क्लास का रिप्रेजेंटेटिव चुनेंगे।

-ये रिप्रेजेंटेटिव मिलकर कॉलेज पदाधिकारी व यूनिवर्सिटी प्रतिनिधि चुनेंगे।

- इस तरह कॉलेजों और यूनिवर्सिटी का छात्र संघ तैयार होगा, सभी छात्रों के सीधे मतदान से नहीं।

बार-बार उल्लंघन

मेरठ में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पिछले कई सालों से उल्लंघन हो रहा है। सूबे में सपा की सरकार के बाद से ही यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन के डायरेक्ट इलेक्शन करा रही है। सीसीएसयू न सिर्फ स्वयं बल्कि एफीलेटेड कॉलेजेज में भी लगातार कानून को तोड़कर चुनाव करा रही है। इस बार भी विश्वविद्यालय चुनाव को नजीर मानते हुए मेरठ के कम से कम 7 सहायता प्राप्त कॉलेज न सिर्फ लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को अनदेखा करेंगे बल्कि सुप्रीम कोर्ट की आदेशों की अवमानना करेंगे।

लकीर के फकीर

शुक्रवार को वीसी ने डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो। वाई विमला समेत इलेक्शन प्रोसेस से जुड़े अधिकारियों से इस बारे में वार्ता की। डीन ने वीसी को बताया कि 2012 में तत्कालीन कुलपति प्रो। वीसी गोयल के समक्ष 4डी मॉड्यूल का जिक्र किया गया था। प्रो। गोयल ने प्रक्रिया की जटिलता को देखते हुए न सिर्फ विश्वविद्यालय बल्कि कॉलेजेज में भी सीधे इलेक्शन करा दिए। तभी से यह अनियमितता जारी है। मौजूदा वीसी प्रो। तनेजा ने भी डीन को चली आ रही प्रक्रिया के तहत ही इलेक्शन कराने के निर्देश दे दिए।

कॉलेजों ने जाना कानून

आई नेक्स्ट ने शुक्रवार को डीएन डिग्री कॉलेज के डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ। एके अग्रवाल से मुलाकात की, डॉ। अग्रवाल ने छात्र संघ चुनाव के 4डी मॉड्यूल की जानकारी होने से इनकार किया। साथ ही कहा कि वह प्रिंसिपल से बात कर राइट मॉड्यूल से ही चुना कराएंगें। मेरठ कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ। बी कुमार ने भी इसी बात को दोहराया और कहा कि यूनीवर्सिटी की ओर से ही डायरेक्शन आते हैं। लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों का अक्षरश: अनुपालन हो ऐसे प्रयास किए जाएंगे। आरजीपीजी की प्रिंसिपल ने भी 4 डी मॉड्यूल सें अनभिज्ञता जाहिर की।

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'ऐसा ही होता रहा है, ऐसा ही होगा। अब हम फैसला ले चुके हैं और अब इस फैसले को बदलना संभव नहीं है.'

प्रो। एनके तनेजा, कुलपति, सीसीएसयू

'लिंगदोह कमेटी की रिकमंडेशन के संबंध में वार्ता के बाद तय हुआ कि अब इस व्यवस्था के तहत चुनाव कराना संभव नहीं है। ऐसे में चली आ रही व्यवस्था के तहत ही चुनाव कराए जाएंगे.'

प्रो। वाई विमला, डीएसडब्ल्यू, सीसीएसयू