प्राइवेसी के खिलाफ यूज नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 139एए की वैधता को बरकरार रखा। आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई पिटीशन्स सुनवाई के लिए दायर की गई थीं। इनमें आईटी एक्ट के सेक्शन 139एए को चुनौती दी गई थी। यह एक्ट 2017 के बजट में लाया गया था। पिटीशंस में कहा गया गया था कि क्या आधार स्कीम राइट टू प्राइवेसी का वॉयलेशन है और क्या इससे डाटा लीक होने का खतरा है। इस पर जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि आधार को राइट टू प्राइवेसी के खिलाफ इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
लीक न हो आधार डाटा
आधार स्कीम और भी किसी तरीके से मानवीय गरिमा पर असर डालती है तो इसका फैसला कॉन्स्टिट्यूशनल बेंच करेगी। बेंच ने ये भी कहा कि सरकार को ये भी तय करना चाहिए कि आधार स्कीम से डाटा लीक न हो। बेंच ने साफ किया कि इनकम टैक्स एक्ट और आधार एक्ट के बीच कोई विवाद नहीं है।
सुरक्षित था फैसला
* जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने 4 मई को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
* आयकर अधिनियम की धारा 139 एए के तहत एक जुलाई से आयकर रिटर्न दाखिल करने के दौरान या पैन कार्ड आवंटन के लिए आधार नंबर लिंक करना आवश्यक था।
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