सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्म्ड फोर्स, दिल्ली पुलिस, एंबुलेंस,  फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट और दूसरी इमरजेंसी सर्विसेज व्हीकल्स पर लालबत्ती लगाने की परमीशन दे दी है. कोर्ट ने ये भी कहा है कि इन सर्विसेज के व्ही्कल्स अपनी नीड के अकॉर्डिंग डिफरेंट कलर की लाइट्स का भी यूज कर सकते हैं. दरसल कुछ अर्सा पहले दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपने उस ऑर्डर में चेंज करने की डिमांड की थी जिसमें लाल बत्ती के यूज को बैन कर दिया गया था. अपनी अपील में दिल्ली सरकार ने कहा था कि लाल बत्ती नीली बत्ती के कंपेरिजन में काफी दूर से ही दिखाई दे जाती है और इसकी रोशनी भी काफी तेज होती है, जो कि धूल, धुंध और कोहरे के पार नजर आती है, इसीलिए इसे इमरजेंसी सर्विस में यूज होने वाले व्हीकल्स पर इन्हें लगाने की परमीशन दी जाए.

 

चीफ जस्टिस एचएल दत्तू, जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस आरके अग्रवाल की बेंच ने दिल्ली सरकार की अपील पर 10 दिसंबर, 2013 के अपने ऑर्डर में चेंज करते हुए ऑर्म्ड र्फोसेज, दिल्ली पुलिस, एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट और बाकी सभी इमरजेंसी सर्विसेज में काम आने वाले व्हीकल्स् लालबत्ती को लगाने की परमीशन दे दी है. ऑर्डर में कहा गया है कि कांस्टीट्यूशन में मेंशन आठ सर्विसेज और स्टैब्लिशमेंटस को ही फ्लैश के साथ या उसके बगैर लालबत्ती लगाने की परमीशन रहेगी. इमरजेंसी सर्विसेज और पुलिस के व्हीकल्स पर नीली बत्ती का यूज किया जा सकता है.

 

बेंच ने कहा कि यूनिफार्म वाले और नॉन रेस्टिक्टेकड एजेंसीज जिसे अपनी ड्यूटी पूरी करने के लिए इमीडिएटली इंसीडेंट प्लेस पर पहुंचना होता है, इमरजेंसी सर्विसेज में लगे व्हीकल्स, जैसे एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड सर्विस और लॉ एण्ड ऑर्डर सिस्टम मेंटेन रखने के लिए यूज किए जाने वाले पुलिस के व्हीकल्सल पर लालबत्ती नहीं लगायी जा सकती है, बल्कि ऐसे व्हीकल्स पर नीली, सफेद और मल्टीकलर्ड लाइट लगायी जा सकती है.

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