''इंसान को इंसान जला दे, ये किसी हालत में स्वीकार्य नहीं. ऐसी घटना समाज पर धब्बा है. वे एक समुदाय विशेष के होने के कारण जल गए. ये घृणा का मामला है.''

-जस्टिस जीएस सिंघवी

मिर्चपुर में दलितों पर हमला

मालूम हो कि हरियाणा के मिर्चपुर गांव में दलितों पर हमला हुआ था, जिसमें दलितों के घर जला दिए गए थे, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी. घटना की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट थी कि पीडि़तों के गांव में वापस लौटने के हालात नहीं है. वहां उनके लिए भय का माहौल है, लिहाजा उन्हें गांव के बाहर बसाया जाए. राज्य सरकार के वकील मनजीत दलाल ने पीडि़तों को गांव के बाहर बसाने के सुझाव का विरोध किया. उन्होंने कहा कि एक समय माहौल खराब था, लेकिन अब ऐसा नहीं है.

सरकार के जवाब से कोर्ट नाराज

इस पर पीठ ने पूछा कि क्या गांव में पीडि़तों के घर नहीं जलाए गए या दो लोगों की हत्या नहीं हुई? साथ ही सरकार का जवाब था कि घर जले थे लेकिन दोबारा बनवा दिए गए. इसके अलावा दो लोगों की हत्या नहीं हुई बल्कि वे घर में लगी आग से जलकर मरे थे. जस्टिस सिंघवी ने जवाब पर नाराजगी जताते हुए कहा कि एक विकलांग लड़की भाग नहीं सकी इसलिए जल गई. सरकार ऐसी दलील दे रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि वह घटना से बहुत ज्यादा विचलित और क्षुब्ध हैं.

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