सुप्रीम कोर्ट ने टाली फांसी

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2012 में हुए निर्भया गैंग रेप के छह आरोपियों में से दो की फांसी की सजा को टाल दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर द्वारा दायर अपीलों को सुनने के लिए इनकी सजा को टाला है.

दिल्ली गैंग रेप 2012

16 दिसंबर 2012 को दिल्ली के साउथ डिस्ट्रिक्ट में हुए रेप कांड के आरोपियों की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ वक्त के लिए प्रतिबंध लगा दिया है. इस मामले में छह लोगों ने एक 23 वर्षीया मेडिकल स्टूडेंट के साथ चलती बस में गैंग रेप करने के बाद उसे अमानवीय यातनाएं दी थीं. गैंग रेप से पीडि़त लड़की ने 13 दिन की कठिन लड़ाई के बाद सिंगापुर में सांसे तोड़ दी थी. इस घटना से देश भर में आक्रोश उत्पन्न हुआ और पुलिस ने आनन फानन में चारों अपराधियों को पकड़ कर कानून के हवाले कर दिया. इसके बाद कोर्ट ने इन अपराधियों को मौत की सजा सुनाई. इन चार अपराधियों में से राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगा ली थी और एक अपराधी पर जुवेनाइल कोर्ट में केस चल रहा है.

चार अभियुक्तों को होनी थी फांसी

इस मामले में चार अभियुक्तों को फांसी की सजा मिलनी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट के डिसिजन के बाद अब सिर्फ मुकेश और पवन को ही तय समय पर फांसी मिलेगी. विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर की दलीलों को सुनने के बाद इनकी सजा पर फैंसला लिया जाएगा. गौरतलब है कि इन दोनों लोगों ने ट्रायल कोर्ट के निर्णय के खिलाफ अपील की है.

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