मामला संविधान पीठ को सौंप दिया गया

ज्ञात सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए याकूब मेनन की सजा पर रोक लगाते हुए मामले को संविधान पीठ को सौंप दिया. याचिका में कहा गया था कि मौत की सजा मामले की सुनवाई और उस पर निर्णय चैंबर प्रोसिडिंग में नहीं होना चाहिए.

जानने योग्य है कि 22 मार्च 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में याकूब मेनन की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए 10 और आरोपियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था. इससे पहले मेनन की दया याचिका को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ठुकरा चुके हैं.

पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट और भगोड़ा आतंकी टाइगर मेनन के भाई याकूब मेनन को 1994 में काठमांडू हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. टाडा की विशेष अदालत ने 2007 में उसे आपराधिक षड्यंत्र रचने और धमाके से जुड़े अन्य आतंकियों के लिए धन मुहैया करने का दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी.

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