सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से पूछे सवाल

एक राज्य को एक से ज्यादा वोट का अधिकार देने पर बीसीसीआई क्यों अड़ी हुई है। बीसीसीआई का काम देशभर में क्रिकेट को बढ़ावा देना है। मुंबई और गुजरात के अलावा दूसरे राज्य भी क्रिकेट को लेकर क्या कम उत्साहित हैं। अफ़सोस की आपने क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कुछ भी नहीं किया है। गोवा को आप 60 करोड़ दे रहे हैं और बिहार को नज़रअंदाज़ करेंगे क्यो। नॉर्थ ईस्ट की नुमाइंदगी कम क्यों है। बड़े राज्य छोटे राज्यों पर क्यों हावी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों की अनदेखी क्यों की जा रही है। आप राज्य संघ को पैसे दे रहे हैं लेकिन उनसे हिसाब नहीं मांग रहे हैं। ऐसा लगता है कि आपने आपस में ही फ़ायदे के लिए संस्था बना रखी है

सुप्रीम कोर्ट ने किया है जस्टिस लोढ़ा समिति का गठन

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई जस्टिस लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई में सुधार के लिए कई सुझाव दिए हैं। इनमें एक राज्य एक वोट का की सलाह दी गई है। बीसीसीआई से मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को बाहर रखने की बात कही गई है। जस्टिस लोढ़ा बीसीसीआई में CAG को शामिल करना चाहते हैं जबकि बीसीसीआई इसका विरोध कर रही है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से राज्य क्रिकेट संघ को दिए गए 5 साल के पैसे का हिसाब किताब मांगा है। बीसीसीआई RTI का भी विरोध कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से मांगी पांच सालो की रिपोर्ट

BCCI की पांच साल की रिपोर्ट के हवाले से चीफ जस्टिस ने कहा कि बिहार, मणिपुर, मिजोरम और मेघालय को कोई पैसा नहीं दिया गया जबकि छतीसगढ को 2010-11 के बाद पैसा नहीं दिया गया। 11 ऐसे राज्य हैं जो पिछले पांच साल से फंड के लिए भी मांग रहे हैं। मध्य प्रदेश को पिछले पांच साल में एक पैसा भी नहीं दिया गया। कोर्ट ने कहा कि बीसीसीआई खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों नजरअंदाज कर रही है। जस्टिस लोढ़ा पैनल कोई छोटी कमेटी नहीं है। ये पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नेतृत्व में बनी है और कोर्ट को इस पैनल पर पूरा विश्वास है। सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई ने पांच साल की रिपोर्ट सौंपी है।

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