2 फरवरी से होगी इसकी सुनवाई

देश के चर्चित जज लोया केस में अब तक कई मोड़ आ चुके हैं। सु्प्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अब जस्टिस लोया की मौत से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में ही होगी। उससे जुड़ी याचिकाएं भी अब हाईकोर्ट में नहीं लगाई जा सकेगी। सु्प्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई के लिए फरवरी के तीन हफ्ते तय किए हैं। इसकी शुरुआत 2 फरवरी से शुरू होगी। बता दें कि सीबीआई के दिवंगत जज बी एच. लोया की मौत पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं।  

सुप्रीम कोर्ट ने लोया केस को लेकर लगाई रोक,अब हाईकोर्ट में नही होगी सुनवाई

पुलिस जज की डेथ नेचुरल मान रही

हालांकि हाल ही में नागपुर पुलिस ने जज लोया की मौत को नेचुरल डेथ बताया है। पुलिस का कहना है कि की पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक रिपोर्ट में स्पष्ट हो चुका है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी। उनके शरीर में किसी तरह का जहर मिलने का जो संदेह जताया गया था, ऐसा कुछ पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिक्र नहीं हुआ है। वहीं जज का बेटा भी पिता की मौत को नेचुरल डेथ बता चुका है। उसका कहना है कि पिता की मौत पर कोई शक नही है।

सुप्रीम कोर्ट ने लोया केस को लेकर लगाई रोक,अब हाईकोर्ट में नही होगी सुनवाई

देश के चर्चित एनकाउंटरों में एक

लोया सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस में सीबीआई जज थे। सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस देश के चर्चित एनकाउंटरों में से एक हैं। सोहराबुद्दीन शेख को लेकर खबरें थीं कि उसके संबंध पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से है। ऐसे में गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी को अगवा कर लिया था। नवंबर 2005 में गांधीनगर के करीब उसकी कथित फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर दी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने लोया केस को लेकर लगाई रोक,अब हाईकोर्ट में नही होगी सुनवाई

सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस

इतना ही नहीं दिसंबर 2006 में पुलिस ने सोहराबुद्दीन शेख के करीबी दोस्त तुलसीराम प्रजापति की बनासकांठा में हत्या कर दी थी। तुलसीराम प्रजापति को सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर का चश्मदीद गवाह माना जा रहा था। बतादें कि सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में बीजेपी के प्रेसिडेंट अमित शाह समेत कई नेताओं और पुलिस अधिकारियों का नाम चर्चा में रहा। हालांकि जांच में अमित शाह समेत कुछ लोगों को बरी किया जा चुका है।

सुप्रीम कोर्ट ने लोया केस को लेकर लगाई रोक,अब हाईकोर्ट में नही होगी सुनवाई

जज लोया की मौत पर सवाल

वहीं जज बीएच लोया 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में एक विवाह कार्यक्रम में शरीक होने जा रहे थे। इस दौरान हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई थी। बीते साल अचानक से उनकी बहन ने इस मामले में शक जाहिर करते हुए कहा कि वह भाई नेचुरल डेथ नहीं मान रही हैं। भाई की मौत को लेकर उन्होंने शक जताया था। ऐसे में इस मामले के तार भी सोहराबुद्दीन एनकाउंटर से जोड़े जाने लगे थे। इसके बाद से जज बीएच लोया का मामला चर्चा में है।

इंजीनियर अब्दुल सुभान ऐसे बना भारत का 'ओसामा बिन लादेन', इन अपराधों को दे चुका अंजाम

National News inextlive from India News Desk