देना ही पड़ेगा सर्विस टैक्स
दरअसल यह पूरा मामला क्रिकेट मैचों की रिकॉर्डिंग को लेकर है. इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने BCCI की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें बोर्ड ने मैच रिकॉर्डिंग करवाने के मामले में 18 करोड़ रुपये के सर्विस टैक्स को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि BCCI को यह राशि सर्विस टैक्स विभाग को देनी ही होगी. इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि, BCCI एक सर्विस प्रोवाइडर है. बोर्ड जो कुछ भी करता है उसे सर्विस के तहत माना जायेगा.

क्या था मामला
आपको बताते चलें कि BCCI ने साल 2006 से 2010 के बीच क्रिकेट मैचों की रिकॉर्डिंग करवाई थी. इसके बाद इस मामले में सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स ट्रिब्यूनल ने BCCI को सर्विस टैक्स के 18 करोड़ रुपये जमा करने कराने का आदेश दिया था. लेकिन बोर्ड ने इस आदेश को न मानते हुये कोर्ट में इसके खिलाफ अपील की थी. BCCI ने कोर्ट में यह कहा था कि, बोर्ड ने इन मैचों के लिये स्टेडियम में कैमरे लगाये थे और कैमरामैन ने ये रिकॉर्ड किये थे लेकिन बोर्ड ने अपनी ओर से कोई कार्यक्रम नहीं बनाया था. अब ऐसे में यह सर्विस टैक्स का मामला नहीं बनता. हालांकि बोर्ड ने इस मामले में बहुत ही अनूठा उदाहरण भी दिया. बोर्ड का कहना था कि, कोई व्यक्ति शादी के इवेंट के लिये कैमरा लगाता है और शादी के लिये रिकॉर्डिंग करता है. ऐसे में उस व्यक्ति पर सर्विस टैक्स तो नहीं लगाया जा सकता. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी दलीलों को खारिज कर दिया.

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