- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने कोचिंग सेंटर्स का किया रियॉलिटी चेक

lucknow@inext.co.in

LUCKNOW : सूरत की तरह के हादसे का राजधानी के कोचिंग संस्थान भी इंतजार कर रहे हैं. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शनिवार को कामर्शियल बिल्डिंग में चलने वाले कोचिंग सेंटर्स का रियलिटी चेक किया, तो यह बात निकलकर सामने आई. इस हकीकत की सूचना फायर डिपार्टमेंट को दी गई तो फायर डिपार्टमेंट भी एक्शन मोड में आ गया.

सड़े पाइप और गले उपकरण

नवल किशोर रोड प्रिंस कॉम्प्लेक्स में 20 से ज्यादा कोचिंग संस्थान हैं. चार मंजिला इमारत में दो मंजिल में मार्केट और ऊपरी दो मंजिल में कोचिंग हैं. बिल्डिंग में कहने को फायर सिस्टम लगा है लेकिन सालों पुराना फायर सिस्टम के पाइप सड़ चुके हैं और उनके उपकरण गल चुके हैं. फायर अलार्म भी टूटा है. क्लैप बाक्स में नोजल पंप गायब हैं और क्लैप बाक्स को स्टैंड के रूप में यूज किया जा रहा है.

तारों का फैला जाल

बिल्डिंग में चारों तरफ तारों का ऐसा संजाल फैला है कि शार्ट सर्किट की आशंका बनी रहती है. बिल्डिंग के सीढि़यों पर अगर आग लगे तो लोगों का यहां से निकलना मुश्किल है. धुआं भी यहां रास्ता ब्लाक कर सकता है.

दो साल पुराने एक्सटिंग्विशर्स

नवल किशोर रोड पर चित्रकार कॉम्प्लेक्स में कई मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग हैं. यहां पर भी प्रिंस कॉम्प्लेक्स की तरह हर दिन हजारों स्टूडेंट्स आते हैं. कोचिंग संस्थानों में एसी और अन्य संसाधन की कोई कमी नहीं है लेकिन सुरक्षा के मानकों पर वह खरे नहीं उतरते. यहां तक कि मानक के कोरम को पूरा करने के लिए जो फायर एक्सटिंग्विशर्स हैं वह भी दो साल पहले एक्सपायर हो चुका है.

कूड़ा बन सकता है खतरा

कामर्शियल कॉम्प्लेक्स में तारों के जाल के साथ एससी के पास कूड़े का ढेर भी आग का कारण बन सकता है. कई बिल्डिंग में रूफ सेफ्टी टैंक तक नहीं हैं. यहां तक की सकरी सीढि़यों से आपात स्थिति में जल्दी उतरा भी नहीं जा सकता है.

फायर सेफ्टी उपकरण नहीं

हजरतगंज मीरा बाई मार्ग पर मोती कॉम्प्लेक्स में मेडिकल की कोचिंग चलती है. यहां सेकंड और थर्ड फ्लोर पर डेली सैकड़ों स्टूडेंट्स आते हैं. सुरक्षा के नाम पर सीसीटीवी कैमरे और गार्ड तो हैं लेकिन यहां फायर फाइटिंग के लिए उपकरण नहीं है.

डर तो लगता है

नवल किशोर रोड पर एक कोचिंग संस्थान में डीजे आई नेक्स्ट की टीम जब रियलिटी चेक कर रही थी. वहां दो छात्राओं से बात की तो नाजिया और शिवांगी पांडेय ने बताया कि सूरत कांड के बाद डर लग रहा है. हमने सेफ्टी के लिए कोचिंग संचालक से बात की है.

चेक किया रिस्पांस टाइम

फायर डिपार्टमेंट ने शनिवार को अपना रिस्पांस टाइम चेक करने के लिए माकड्रिल की. दो प्वाइंट पर फेक कालर ने आग लगने और दो लोगों के फंसे होने की सूचना दी. पहली सूचना 3.21 बजे हजरतगंज के आर्यन होटल में आग की और दूसरी सूचना 3.57 बजे फन रिपब्लिक मॉल में आग लगने और 8 से 10 लोगों के फंसे होने की दी गई. हजरतगंज में सूचना के 4 मिनट में फायर टेंडर पहुंच गए. जबकि हाईड्रोलिक प्लेफार्म टेंडर 6 मिनट में पहुंचा. वहीं फन मॉल में फायर टेंडर 4 मिनट में पहुंचे और हाईड्रोलिक प्लेफार्म टेंडर 14 मिनट में पहुंच गया.

कोट

सूरत जैसे हादसे रोकने के लिए शनिवार को कई कोचिंग सेंटर में चेकिंग की गई, सुरक्षा के मानक खरे नहीं मिले हैं. ऐसे संस्थानों को नोटिस भेजी जा रही है. 15 दिन के अंदर सभी कोचिंग सेंटर का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

विजय कुमार सिंह, चीफ फायर अफसर