1090 पर दर्ज हुई कंप्लेन

महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं को बढ़ते देख सीएम अखिलेश यादव ने यूपी में सिर्फ महिलाओं की समस्या सुनने के लिए 15 नवबंर 2012 को महिला हेल्पलाइन सेवा शुरू की। इस पर कंप्लेन को गोपनीय रखा जाता है। कंप्लेन को भी महिला पुलिसकर्मी ही सुनती है। नवबंर से लेकर अब तक नौ सौ के करीब कंप्लेन आ चुकी हैं। आईजी आशुतोष पांडेय ने बताया कि जांच में जो आरोपी सामने आये हैं वो सभी पड़ोसी और अपने ही निकले हैं।

मानसिक रोगी होते हैं आरोपी

एसएन के मनो चिकित्सक डॉक्टर विशाल सिन्हा का कहना है कि हमारे आसपास रहने वाले 30 से 40 परसेंट लोग मानसिक रोग के मरीज होते हैं। अपने होने के नाते इन लोग को घर में आने-जाने की परमीशन होती है। और ऐसे मानसिक रोगी मासूम बच्चियों को निशाना बनाते हैं। ऐसे मरीजों के लिए बच्चे ही साफ्ट टारगेट होते हैं। ये बीमारी कम एज में कोई इंक्सीडेंट हो जाने पर पैदा हो जाती है। परिवार के लोग इसे समझ नहीं पातें।

ये हैं सिटी के चर्चित केसेज

दयालबाग के राहुल ग्रीन की रहने वाली नेहा शर्मा डीईआई में बायो टेक्नोलॉजी लैब में एनीमल पर रिसर्च कर रही थी। 15 मार्च को उसकी लैब के अंदर पेपर कटर से प्रहार कर मार दिया था। लैब के अंदर उसका ही कोई साथी था। पुलिस मामले का खुलासा नहीं कर पा रही है। जबकि इलाके के लोग दबी जुबान से कह रहे हैं कि वारदात को अंजाम देने वाला  डीईआई के अधिकारी का खास रिलेटिव है। सिकंदरा एरिया में मार्च 2012 में शास्त्रीपुरम में इंजीनियर के घर दिन-दहाड़े बदमाशों ने महिला की हत्या कर लूट कर ली थी। वारदात के खुलासे में इंजीनियर की नौकरानी वारदात की मास्टर माइंड निकली थी।

2011 की घटनाएं

 रेप 61, छेड़छाड़ 190, उत्पीडऩ 282, लापरवाही से मौत 468, किडनैप 281, दहेज के लिए मौत 44, चोट करना 344.

ये आंकड़े एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक हैं।

2012 की घटनाएं  

रेप 51, किडनैप 250, दहेज के लिए मौत 80.

ये जानकारी आगरा पुलिस के मुताबिक है.2013 में दो माह की घटनाएं

महज दो माह में 13 रेप, 14 छेड़खानी, 40 उत्पीडऩ और 188 केसेज परामर्श केन्द्र पर आये थे।

इन बातों का रखे ध्यान

1. बच्चे से मिलने वाले हर व्यक्ति की गतिविधि पर नजर रखनी चाहिए।

2. बच्चों को बताएं कि वह किस तरह सावधानी बरतें।

3. अंदरूनी मामलों में अनावश्यक ताक-झांक न करें।

4. धन सपंति की जिक्र किसी बाहरी व्यक्ति के सामने जिक्र न करें।

5. नौकर, ड्राईवर और किराएदार का पुलिस के द्वारा वैरीफिकेशन करने के बाद ही रखें।

करीबियों की घटनाएं

केस-1

5 अक्टूबर 2012 को थाना न्यू आगरा के नगला पदी में मकान मालिक के बेटे लखन ने किराएदार की बेटी को बाथरूम में दबोच लिया था.  मेडिकल में रेप की पुष्टि हुई।

केस-2

तीन दिसंबर 2012 को एत्माउद्दौला फाउंड्री नगर के दुर्गा नगर में पड़ोस में रहने वाले बाबूलाल ने छह साल की बच्ची को टॉफी देने के बहाने घर से ले जाकर रेप कर दिया। वह रिश्ते का चाचा लगता था।

केस 3

अक्टूबर 2012 को एत्माउद्दौला के नुनिहाई में किराएदार ने ही पांच साल की बेटी के साथ रेप कर हत्या कर दी। किराएदार कई साल से घर में रह रहा था।

केस-4

चार अप्रैल 2013 को न्यू आगरा नगला पदी के रहने वाला लक्ष्मीकांत पुत्र उल्फत ने मकान मालिक की बेटी को टॉफी देने के बहाने कमरे में ले गया। बच्ची की चीख सुनकर परिजन आ गए। लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया।

'महिला हेल्पलाइन और साइबर सेल पर मिली कंप्लेन के मुताबिक जितनी भी वारदातें सामने आई है सभी में आरोपी करीबी ही निकले हैं। लोग रिश्ते के चाचा, मामा, भाई आदि पर शक भी नहीं कर पाते। ऐसे मामलों में परिजनों को खुद ध्यान रखना पड़ेगा.'

-आईजी-आशुतोष पांडेय

'समाज में तीस से चालीस परसेंट लोग कुंठा के शिकार होते हैं। ये कुंठा ही मनोरोगी बनाती है। ऐसे लोगों को फैमिली में आने जाने की छूट होती है। लेकिन अंदर ही अंदर ऐसे लोग घातक होते हैं.'

-डॉ.विशाल सिन्हा