- आपदा प्रबंधन को मजबूत करने को शुरू हुआ 27 जिलों में सर्वेक्षण

- सर्वेक्षण कर रही 18 सदस्यीय टीम में गोरखपुर के गौतम भी शामिल

- गौतम को सर्वेक्षण के लिए मिला गोरखपुर के अलावा देवरिया और कुशीनगर

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : कहां आपदा अधिक आती है और कहां इससे निपटने की अधिक जरूरत है। कहां लोगों को ट्रेनिंग दी जानी चाहिए और कहां प्लान में चेंज करना चाहिए। इसे जानने के लिए राहत आयुक्त ने एक 18 सदस्यीय टीम बनाई है। जो 27 जिलों का सर्वेक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट टीम को 16 नवंबर तक शासन को भेजनी है। इस 18 सदस्यीय टीम में गोरखपुर के गौतम गुप्ता भी शामिल है। गौतम को गोरखपुर के अलावा कुशीनगर और देवरिया की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रविवार को इस योजना के तहत गौतम गुप्ता ने अपनी टीम के साथ राप्ती के किनारे बसे दो गांव का सर्वेक्षण किया।

18 सदस्यीय टीम, 27 जिले और दो प्वाइंट

आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए राहत आयुक्त लीना जौहरी ने एक मीटिंग कर 27 जिलों में सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया जिसमें गोरखपुर भी शामिल है। इसके लिए बनी 18 सदस्यीय टीम को मेन दो प्वाइंट पर वर्क करना है। गोरखपुर के प्रभारी गौतम गुप्ता ने बताया कि आपदा ट्रेनिंग प्रोग्राम कितना सार्थक है, इसमें क्या सुधार करना चाहिए और आपदा प्रबंधन तंत्र को कैसे मजबूत किया जाए, इन दोनों प्वाइंट पर वर्क करना है। सैटर्डे को मीटिंग और संडे को दो गांव का दौरा कर यह जानने की कोशिश की गई। साथ ही जिले के कुछ लोगों से इसमें राय भी मांगी गई। गौतम ने बताया कि रविवार को राप्ती किनारे बसे सेमरा देवी प्रसाद और झरवां गांव में जाकर सर्वे किया। गौतम ने बताया कि आपदा प्रबंधन को सुधारने के लिए लोगों ने सुझाव भी दिया। जिसमें मेडिकल कॉलेज ब्लड बैंक की परामर्शदात्री मिनाक्षी मिश्र ने सुझाव दिया कि आपदा प्रतिउत्तर के दौरान महिलाओं की व्यक्तिगत स्वच्छता विषय पर भी ध्यान देना आवश्यक है। प्रशिक्षक डॉ। चंदन कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन विषय पर छोटे-छोटे कोर्स संचालिक किया जाना चाहिए। बीआरसी के सहसमन्वयक मदन सिंह ने कहा कि स्कूल में आपदा से बचाव की रेगुलर क्लास चलनी चाहिए। जिससे आपदा से बचाव सीखने के साथ बच्चों में इसका डर दूर होगा।