वेद और उपनिषदों का क्या

कांग्रेस प्रवक्ता शशि थरूर ने विदेश मंत्री के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि मैं भी हिंदू हूं, लेकिन हमारे धर्म में तो कई किताबें हैं. अगर गीता की बात करते हैं तो फिर वेद और उपनिषदों का क्या? इस तरह किसी एक ग्रंथ को दूसरों से बेहतर नहीं बताया जा सकता. वहीं समाजवादी पार्टी ने भी एक बयान में कहा कि अगर एक धर्मिक पुस्तक गीता राष्ट्रीय महत्व का ग्रंथ है तो फिर कुरान और बाइबल भी हो सकते हैं. डीएमके प्रमुख करुणानिधि के बयान में भी कहा गया है कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है.

राज्य सभा में दिया नोटिस

माकपा नेता डी. राजा ने सुषमा स्वराज के बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को उठाने के लिए राज्य सभा में नोटिस दिया है. हालांकि विदेश मंत्री के खिलाफ विपक्षी आरोपों को खारिज करते हुए संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सुषमा स्वराज ने जो कहा उसमें कुछ भी गलत नहीं है. इस मामले में बहस कराने में कुछ भी गलत नहीं है.

क्या है मामला

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गीता के 5151 साल पूरे होने पर आयोजित गीता प्रेरणा महोत्सव में इस ग्रंथ को राष्ट्रीय पुस्तक घोषित करने की मांग पर कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा को भेंट किए जाने से इसका राष्ट्रीय महत्व स्पष्ट हो गया है. औपचारिक घोषणा भले ही न हो पाई हो, लेकिन राष्ट्रीय ग्रंथ के तौर पर इसकी अहमियत स्पष्ट हो चुकी है.गीता में हर समस्या के समाधान की बात करते हुए स्वराज का कहना था मैंने संसद में भी यह कहा है कि इसे राष्ट्रीय महत्व की पुस्तक घोषित की जानी चाहिए.

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk