-जिला जेल में टीवी व एड्स की बीमारी से परेशान बंदी ने फांसी लगा दी जान, लूट के मामले में था बंद

-खतरनाक बीमारी के कारण जेल में अन्य बंदियों से रखा गया था अलग

VARANASI: लाख बताया जाये कि एड्स छूने से नहीं फैलता। इसके बावजूद इसे लोगों की नासमझी कहें या फिर कुछ और जो पहले से ही समाज से तिरस्कृत इंसान को इस गंभीर बीमारी के होने के बाद भी उसे इस कदर साइड लाइन कर दिया गया कि तन्हाई से परेशान होकर उसने जिंदगी को ही अलविदा कह दिया। मामला जिला जेल का है। यहां लूट के मामले बंद एक बंदी ने टीवी व एड्स बीमारी की पुष्टि होने के बाद जेल प्रशासन की ओर से खुद को और बंदियों से अलग किए जाने के बाद ये कदम उठाया। वहीं जेल प्रशासन अपनी इस गल्ती को छिपाने के लिए बंदी के मौत होने की वजह उसकी बीमारी को बता रहा है।

सुबह चला पता

चंदौली के अलीनगर थाना एरिया के कुढ़ कला गांव के रहने वाले मुन्ना पासवान (ख्ख् वर्ष) ने सोमवार की सुबह जेल के मेडिकल सेल में फांसी लगाकर जान दे दी। मुन्ना एक माह पूर्व अलीनगर क्षेत्र में लूट के मामले में पकड़ा गया था और तभी के बाद से जिला जेल में बंद था। इस दौरान उसकी तबीयत बिगड़ने पर जांच कराई गई। मेडिकल जांच में पता चला कि उसे टीवी व एचआईबी है। गंभीर बीमारी की जानकारी होने पर जेल प्रशासन ने उसे अन्य बंदियों से अलग सेल में डाल दिया। वहां वह अकेले ही रहता था। सेल के बाहर देखरेख के लिए बंदीरक्षक भी लगाए थे। सोमवार की सुबह सेल के अंदर ही दीवार में लगी लोहे की खूंटी में अपने गमछे को फांसी का फंदा बनाकर उसमें लटक गया जिससे उसकी मौत हो गई।

पहुंचे तो हुई जानकारी

जेल प्रशासन को इस घटना की जानकारी तब हुई जब बंदीरक्षक मुन्ना का हाल जानने के लिए मेडिकल वॉर्ड में पहुंचे। उसे फांसी से झूलता देख जेल प्रशासन को सूचना दी गई। जिसके बाद जेल में हड़कंप मच गया। आनन फानन में सूचना पुलिस प्रशासन को दी गई। जिसके बाद एसीएम चतुर्थ व सीओ कैंट विनोद सिंह मौके पर पहुंच गए। जेलर पंकज सिंह ने परिजनों को भी इस घटना से अवगत कराया। जेलर ने बताया कि बंदी मुन्ना को फ्0 अप्रैल को चंदौली से यहां लाया गया था और बाइस मई को मेडिकल जांच कर उसे मेडिकल सेल में अलग रखा गया था।

अकेले जाने के बाद था परेशान

जेल सूत्रों की मानें तो अन्य बंदियों से अलग रखे जाने से मुन्ना परेशान था। इस बीच सूचना पाकर इलाहाबाद से डीआईजी जेल एसके श्रीवास्तव भी आ पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया। डीआईजी जेल ने बताया कि मुन्ना अपने को गंभीर बीमारी होने की बात पता चलने के बाद से परेशान था। हो सकता है कि इसी के चलते उसने ये कदम उठाया हो।