सर्जिकल स्ट्राइक के बाद हर जानकारी पहुंचाता था

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना के मूवमेंट की जानकारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजने वाले जासूस को यूपी एटीएस ने बुधवार को फैजाबाद से गिरफ्तार कर लिया। आफताब लगातार फैजाबाद और लखनऊ से सेना के मूवमेंट, बटालियनों की तैनाती, टे्रन द्वारा सेना के रेजिमेंट के जाने के समय व अमृतसर में सेना की पलटन की संख्या की जानकारी पाकिस्तान भेज रहा था। यूपी एटीएस, यूपी इंटेलिजेंस की वीके यूनिट और मिलेट्री इंटेलिजेंस की संयुक्त कार्रवाई में आफताब के एक साथी को भी दबोचा गया है जिससे पूछताछ की जा रही है। वहीं उसे लाखों रुपये मुहैया कराने वाले युवक की तलाश जारी है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आफताब नई दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास के एक अधिकारी के संपर्क में भी था। वह अधिकारी से मिलने दूतावास भी गया था। खुफिया एजेंसियां अब उस अधिकारी का पता लगा रही हैं।

कई बार वीजा के लिए किया अप्लाई

एटीएस के मुताबिक आफताब बार-बार पाकिस्तान जाने की कोशिश कर रहा था। इस दौरान वह आईएसआई की नजरों में आया और जासूस बनाने का प्रलोभन देकर पाकिस्तानी वीजा मुहैया करा दिया गया। इसके बाद वह कराची चला गया जहां करीब दो महीने की ट्रेनिंग के बाद वह वापस फैजाबाद लौट आया। इस बीच सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक अंजाम दी तो वह सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारियां जुटाकर पाकिस्तान में बैठे अपने आईएसआई के आकाओं को भेजने लगा। लेकिन वह लंबे समय तक खुफिया एजेंसियों की निगाह से बच नहीं पाया और बुधवार को उसे दबोच लिया गया। आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि फैजाबाद के ख्वासपुरा निवासी आफताब अली पुत्र वाजिद अली को बुधवार को ज्वाइंट ऑपरेशन के बाद गिरफ्तार किया गया है। उसके पास से सेना से जुड़े कई गोपनीय दस्तावेज, कैंट इलाके का नक्शा इत्यादि बरामद हुए हैं। साथ ही पाकिस्तान में आईएसआई के अधिकारियों से बातचीत का रिकॉर्ड भी मिला है।

पाकिस्तान दूतावास के भी संपर्क में

एटीएस की जांच में सामने आया है कि आफताब पाकिस्तानी दूतावास के एक अधिकारी के संपर्क में भी था। एटीएस ने इसके भी प्रमाण जुटाए हैं। साथ ही उसके मोबाइल फोन से आईएसआई के तमाम अधिकारियों के नंबर भी मिले हैं जिनसे वह लगातार संपर्क कर रहा था। आफताब की गिरफ्तारी के बाद एटीएस और मिलेट्री इंटेलिजेंस ने अपना ऑपरेशन जारी रखा है और उसके तमाम करीबियों से गहन पूछताछ की जा रही है। एटीएस इस मामले में गुरुवार को कुछ अहम खुलासे कर सकती है। एटीएस यह भी पता लगा रही है कि आखिर उसके पाकिस्तान जाने की असली वजह क्या थी, जिसकी वजह से वह आईएसआई के शिकंजे में आ गया।

कराची में रहते थे रिश्तेदार

आफताब अली पिछले कई दिनों से पाकिस्तान के कराची में अपने रिश्तेदारों के पास जाने के प्रयास में था। चार बार पाकिस्तान ने उसका वीजा निरस्त कर दिया। पांचवीं बार जब उसने वीजा के अप्लाई किया तो आईएसआई ने उससे संपर्क साधा और जासूसी करने के एवज में वीजा देने की बात कही। करीब छह माह पूर्व आफताब का वीजा मंजूर हो गया और वह कराची चला गया। वहां दो महीने की ट्रेनिंग के बाद वह वापस फैजाबाद आया सेना की जासूसी कर गोपनीय सूचनाएं आईएसआई को भेजने लगा। एटीएस ने उसके एक साथी को भी हिरासत में लिया है जबकि उसके बैंक खाते में चार बार एक-एक लाख रुपये जमा करने युवक की तलाश की जा रही है।

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