जन्मदिन पर गई आईएएस की जान, सड़क पर मिला शव

- मीराबाई मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस के बाहर सड़क पर मिली डेडबॉडी

- कर्नाटक कैडर के आईएएस थे अनुराग तिवारी, भाई ने लगाया हत्या का आरोप

LUCKNOW : कर्नाटक कैडर के आईएएस अफसर अनुराग तिवारी की संदिग्ध हालात में बुधवार को मौत हो गई। राजधानी के हजरतगंज स्थित मीराबाई मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस के पास बीच रोड पर उनकी डेडबॉडी मिली। अनुराग अपने बैचमेट एलडीए वीसी के साथ गेस्ट हाउस में दो दिन से ठहरे थे। उनके बड़े भाई ने आईएएस अफसर की हत्या की आशंका जताते हुए मौत की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग की है। मौत की वजहों को सामने लाने के लिए आईएएस अफसर की डेडबॉडी का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के पैनल से कराया गया। जिसमें मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। उनका विसरा सुरक्षित कर लिया गया है।

LDA VC के नाम बुक था रूम

अनुराग तिवारी 2007 बैच के आईएएस अफसर थे। वह कर्नाटक कैडर से सिविल सर्विस में चयनित हुए थे। कर्नाटक के नगवार में डायरेक्टर फूड एंड सप्लाई के पद पर तैनात थे। बहराइच के कानूनगोपुरवा निवासी अनुराग तिवारी संडे को लखनऊ आए थे और मीराबाई मार्ग स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस के कमरा नंबर 19 में ठहरे थे। कमरा एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के नाम बुक था। मंगलवार रात दोनों अधिकारी कमरा नंबर 19 में ही ठहरे थे। इंस्पेक्टर हजरतगंज आनंद शाही के मुताबिक, एलडी वीसी ने सुबह 6:30 बजे का अलार्म लगाया था। वह बुधवार सुबह जब जागे, तब अनुराग कमरे में नहीं थे। एलडीए वीसी ने पुलिस को बताया कि उन्हें लगा कि अनुराग टहलने गए हैं। जिसके बाद वह सुबह करीब 6:45 बजे बैडमिंटन खेलने चले गए।

विजिट कार्ड से पहचान

एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह ने कमरे की चाबी रिसेप्शन पर दे दी थी, ताकि अनुराग के वापस आने पर उन्हें मिल जाए। अनुराग का मोबाइल कमरे में ही चार्जर पर लगा था, जबकि वह लोअर-शर्ट व चप्पल पहनकर कमरे से निकले थे। उनका शव गेस्ट हाउस से करीब 50 मीटर की दूरी पर बीच सड़क औंधे मुंह पड़ा मिला। नाक से खून बह रहा था और ठुड्डी पर गहरी चोट थी। पुलिस को सुबह करीब छह बजे किसी ने 100 नंबर पर वीआइपी गेस्ट हाउस के पास एक व्यक्ति के बीच सड़क पर पड़े होने की सूचना मिली। मौके पर पहुंची पुलिस अनुराग को उठाकर सिविल अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पर्स से मिले विजिटिंग कार्ड के जरिये अनुराग की पहचान होने पर हड़कंप मच गया।

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भाई ने हत्या की आशंका जताई

आईएएस अधिकारी का शव मिलने की सूचना पाकर आईजी रेंज जय नारायण सिंह, डीएम कौशल राज, एसएसपी दीपक कुमार समेत कई सीनियर अफसर मौके पर पहुंच गए और छानबीन में शुरू की। सिविल सर्विसेज में अनुराग के बैचमेट रहे एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक भी मौके पर पहुंचे। अनुराग के पिता डीएन तिवारी डिग्री कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं। उनके दो बड़े भाई आलोक व मयंक इंजीनियर हैं। बड़े भाई ने अनुराग की मौत पर हत्या की आशंका जताते हुए हजरतगंज पुलिस को तहरीर दी है। उन्होंने मौत की मजिस्ट्रेट जांच की भी मांग की है।

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बुधवार को ही था बर्थडे

परिजनों के अनुसार बुधवार को अनुराग का बर्थ डे था। अनुराग संडे को लखनऊ आए थे और उन्हें बुधवार को अपने पैतृक घर बहराइच जाना था। घर में पूजा पाठ का आयोजन किया गया था। पिता और परिवार वाले उनका इंतजार कर रहे थे। बहराइच में वाले दोस्त और रिश्तेदारों को उनकी मौत की सूचना मिली तो वह आनन-फानन में लखनऊ पहुंचे।

पत्नी से हो चुका है तलाक

अनुराग की शादी वर्ष 2008 में हुई थी लेकिन, शादी के महज 8 दिन बाद ही उनकी पत्नी चली गई थी। जिसके बाद दोनों कभी साथ नहीं रहे। सूत्रों के मुताबिक उनकी पत्नी कानपुर में एक बैंक में जॉब करती हैं, जबकि उनके फादर इन लॉ सीपी पाठक कानपुर में एडीएम थे। 1996 के कानपुर दंगे के दौरान गोली लगने ने उनकी मौत हो गई थी। परिवार का कहना है कि उनका पत्नी से तलाक हो चुका है।

कैडर बदलने को किया था आवेदन

भाई आलोक ने बताया कि अनुराग ने अपने विभाग में 2000 करोड़ रुपये के घोटाले को पकड़ा था। इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों और कर्नाटक के सीएम से की थी। उनकी शिकायत पर उन्हें नजरअंदाज कर दिया था। भाई ने बताया कि अनुराग ने घोटाले की फाइल को सीबीआई को भेज दिया था। इसको लेकर फूड एंड सप्लाई के सेक्रेटरी अनुराग से खफा थे। घरवालों ने बताया कि यह मौत नहीं कर्नाटक सरकार के कई अधिकारियों ने मिलकर करवाई है। अनुराग ने केंद्र में अपना कैडर बदलने के लिए आवेदन दिया था। जिसे सरकार ने नजरअंदाज कर दिया था। इससे परेशान होकर अनुराग ने 4 हफ्ते छुट्टी का आवेदन दिया था। जिसे भी नामंजूर कर दिया था।

वीआईपी गेस्ट हाउस में CCTV नहीं

वीआईपी गेस्ट हाउस में सीसीटीवी के नाम पर एक भी कैमरा नहीं लगा। कैमरा न लगे होने के चलते पुलिस को मौत का राज खोलने में परेशानी हो सकती है।

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मॉर्निग वॉक की नहीं थी आदत

बहराइच से आई अनुराग की भाभी सुधा तिवारी ने कहा कि अनुराग इतनी सुबह सोकर कभी नहीं उठते थे। वह सुबह टहलने जाने के भी आदी नहीं थे। वह किन हालात में सुबह सड़क पर पहुंचे और उनकी मौत हो गई, इन परिस्थितियों को लेकर घरवाले सवाल उठा रहे हैं। सुधा ने बताया कि अनुराग एक सप्ताह पूर्व ट्रेनिंग के लिए मंसूरी आए थे। जहां से वह संडे को बहराइच आए थे और शाम को ही लखनऊ आ गए थे।

दोस्तों के चहेते थे अनुराग

अनुराग ने सिविल सर्विसेज ज्वाइन करने से पहले 2004 में गोरखपुर स्थित मदन मोहन मालवीय इंजीनियर कॉलेज से बीटेक किया था। वह इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। उनके बैच के साथी एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक और एलडीए वीसी प्रभु नारायण समेत कई आईएएस अफसर हैं। अनुराग की मौत की खबर मिलते एसटीएफ एसएसपी अमित पाठक समेत कई अफसर और उनके परिजन और दोस्त सिविल अस्पताल पहुंचे थे। दोस्तों का कहना है कि अनुराग बिजी शेड्यूल के बाद अपने दोस्तों के हमेशा संपर्क में रहते थे।

कोट

मौत की वजह जानने के लिए पांच डॉक्टर्स के पैनल ने पोस्टमार्टम किया है। उसकी वीडियो रिकॉर्डिग भी कराई गई है। मौत की वजह स्पष्ट न होने पर विसरा और हार्ट जांच के लिए सुरक्षित रखा गया है। फैमिली मेंबर किसी तरह का आरोप लगाते हैं तो उसकी गंभीरता से जांच कराई जाएगी।

जय नारायण सिंह, आईजी रेंज लखनऊ