RANCHI : नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव का धर्म परिवर्तन कराने को लेकर सहयोग करने के आरोपी हाई कोर्ट के निलंबित रजिस्ट्रार विजिलेंस मुश्ताक अहमद ने बुधवार को आत्मसमर्पण किया। अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी सह सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एमके शर्मा की अदालत में बुधवार को आत्मसमर्पण के बाद उनकी ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई। अदालत ने सुनवाई के बाद जमानत खारिज कर दिया।

दो मामलों में दर्ज है एफआईआर

मुश्ताक को क्ब् दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इस मामले के मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली व सास कौशल रानी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद हैं। सीबीआइ तारा शाहदेव प्रताड़ना व जबरन धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास के दो अलग-अलग मामले में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच कर रही है। एक मामले में जबरन धर्म परिवर्तन का प्रयास करने और दूसरा उसे प्रताडि़त करने का आरोप है।

रंजीत से तारा की कराई थी पहचान

रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल से तारा की पहचान मुश्ताक ने ही कराई थी। साथ ही उससे शादी करने के लिए मुश्ताक अहमद ने उसपर दबाव डाला। शादी के बाद मुश्ताक के खिलाफ तारा शाहदेव का जबरन धर्म परिवर्तन कराने के प्रयास करने के मुख्य आरोपी रंजीत सिंह कोहली को सहयोग करने का आरोप है। आरोप यह भी है कि कोहली मुश्ताक की लाल बत्ती लगी गाड़ी व अंगरक्षक लेकर घुमा करता था।

रांची फैमिली कोर्ट के रह चुके थे प्रधान न्यायधीश

मुश्ताक अहमद रांची सिविल कोर्ट में फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश भी रह चुके हैं। उनके आत्मसमर्पण से अधिवक्ताओं में चर्चा का विषय रहा कि जिस कोर्ट में थे न्यायाधीश उसी परिसर से उन्हें जेल भेजा जा रहा है। रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल ख्8 अक्टूबर ख्0क्ब् से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है।