BAREILLY:

शहर के वार्डो को साफ-सुथरा बनाने के लिए शुरू किए गए 'स्वच्छ वार्ड कम्पटीशन' में शामिल होने से कई पार्षदों ने इनकार कर दिया है। इनका आरोप है कि नगर निगम का स्वच्छता अभियान सिर्फ कागजों में चला रहा है। नगर निगम ने कोई भी संसाधन उपलब्ध नहीं कराए हैं। बिना संसाधन साफ सफाई कैसे होगी? जिन पार्षदों ने क्भ् नवंबर से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में शामिल होने से इनकार किया है, उनमें विपक्ष सहित भाजपा के पार्षद भी शामिल हैं। प्रतियोगिता क्भ् दिसंबर तक चलेगी।

पार्षदों का कहना है कि वार्डो को साफ सुथरा रखने के लिए निगम ने ना तो सफाईकर्मी उपलब्ध कराएं हैं और ना ही दूसरे संसाधन। जहां सफाईकर्मी हैं भी, वहां समय से सफाई के लिए कर्मी नहीं आते। कूड़ा उठाने के लिए गाडि़यां तक नहीं हैं। ऐसे में हारने के लिए वे इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो सकते हैं। भाजपा के कुछ पार्षदों का कहना है कि वे अब तक जैसे सफाई कराते आए हैं, वैसे ही कराते रहेंगे। लेकिन इस प्रतियोगिता में शामिल नहीं हैं।

इसके बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने शाहर के पॉश इलाकों में आने वाले तीन वार्डो का मुआयना कर साफ सफाई की हकीकत जानी। ं

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रामपुर गार्डन में कूड़े से चोक नालियां

कहने को तो रामपुर गार्डन एक पॉश इलाका है। लेकिन यहां की सफाई व्यवस्था और नालियों की हालत देखकर कोई नहीं कह सकता कि यह शहर का एक पॉश इलाका है। रामपुर गार्डन की गलियों का हाल तो बद से बदतर है। सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। जहां तहां कूड़ा पसरा है। इतना ही नहीं रामपुर गार्डन वार्ड के अंतर्गत जितना एरिया आता है। वहां हर जगह यही हाल है।

क्या कहते हैं लोग

पिछले क्भ् नवम्बर से यह प्रतियोगिता चल रही है। लेकिन अभी तक तो कोई भी साफ सफाई नजर नही आई। नालियां तक चोक हैं।

अनुराग, रामपुर गार्डन

पार्षद का क्या है कहना

सपा पार्षद राजेश अग्रवाल का कहना है कि यह स्वच्छता अभियान केवल कागजों में चलाया जा रहा है। जबकि हकीकत कुछ और है। न तो संसाधन पूरे हैं और न ही सफाई कर्मचारी है।

- वार्ड नंबर फ्भ् में करीब फ्भ् सफाई कर्मी तैनात हैं और आते सिंर्फ ख्ख्-ख्फ् ही हैं।

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बिहारीपुर सिविल लाइंस में कूड़े के ढेर

बिहारीपुर सिविल लाइंस एक ऐसा एरिया है जहां लोअर मिडिल क्लास से लेकर अपर क्लास तक के लोग रहते हैं। लेकिन यहां के हालत भी कम गंभीर नही हैं। सफाई के नाम पर जगह-जगह कूड़े के ढेर के अलावा कुछ और दिखाई ही नहीं देता। पूरे इलाके में गंदगी का अंबार मिलेगा।

क्या कहते हैं पार्षद

निर्दलीय पार्षद बृजपाल का कहना है कि वे इस तरह से स्वच्छता कम्पटीशन में शामिल नही है। न तो हमारे वार्ड में कोई सफाई कर्मचारी है। और न ही कोई व्यवस्था तो कैसे हम शामिल हो जाएं

क्या कहते हें लोग

यहां कई कई दिन तक गंदगी पड़ी रहती है। सफाई कर्मचारी रोज आते ही नहीं है। ऐसे में कैसे यह वार्ड स्वच्छता में जीतेगा।

विराट, बिहारीपुर

- वार्ड नंबर 0क् में करीब फ्ख् सफाई कर्मी तैनात हैं और आते सिंर्फ ख्ब् ही हैं। कूड़ा उठाने वाला एक थ्री व्हीलर रोज आता है।

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आकाशपुरम में पानी ही पानी

आकाशपुरम पीलीभीत रोड स्थित एक पॉश एरिया है। यहां गलियों में पानी के अलावा कुछ और दिखाई ही नहीं देता है। जबकि इस इलाके में करीब म्0 परसेंट से अधिक गवर्नमेंट एम्प्लाई रहते हैं। लेकिन इसके हालात एक पिछड़े हुए मोहल्ले से कम नहीं है।

क्या कहते हैं पार्षद

सपा पार्षद यामीन रजा का कहना है कि हमारे में वार्ड में केवल आधे सफाईकर्मी आते हैं। कुछ सस्पेंड चल रहे हैं तो कुछ आते नहीं है। ऐसे में बिना सफाई कर्मचारी के सफाई कैसे होगी।

क्या कहते हैं लोग

कोई साफ सफाई करने नही आता है। नगर निगम इस गंदे पानी में स्वच्छता की प्रतियोगिता करा रहा है। कैसे होगी।

गिरीश शर्मा, आकाशपुरम

वार्ड नंबर ब्फ् मेंक्0 सफाई कर्मचारी हैं और आते सिर्फ चार से पांच हैं।

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हारने के लिए नहीं होगें खड़े

वार्ड नंबर भ्ब् भूड़ से भाजपा की पार्षद शालिनी जौहरी का कहना है कि यदि हम प्रतियोगिता में खड़े हो रहे हैं तो इसका मतलब है कि हमें जीतना है। लेकिन नगर निगम की ओर से साफ सफाई के लिए कोई भी संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। तो साफ सफाई कैसे हो। सफाई कर्मचारी समय से सफाई करने नहीं आते है तो हारने के लिए हम प्रतियोगिता में थोड़ी खड़े होंगे।

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- क्भ् वार्डो के पार्षदों ने प्रतियोगिता में शामिल होने के किया इनकार

- नगर निगम ने ना तो सफाईकर्मी दिए हैं और ना ही संसाधन

- मना करने वालों में भाजपा के पार्षद भी शामिल