- वैशाली और कोल्हुआ के पर्यटन स्थलों पर अब साफ- सफाई की होगी निगरानी

- केन्द्र सरकार की योजना के तहत पर्यटक खुद करेंगे निगरानी

- पर्यटक को गंदगी दिखे तो फोटो लेकर ऐप पर करें अपलोड

- एएसआई के नोडल अधिकारी कराएंगे संबंधित जगहों पर सफाई

- शिकायत मिलने पर 24 घंटे के अंदर लिया जाएगा एक्शन

PATNA : अगर आप वैशाली का अशोक स्तंभ या कोल्हुआ के प्राचीन स्मारक का विजिट कर रहे हैं या करने वाले हैं तो आपके लिए ये खबर महत्वपूर्ण हो सकती है। अक्सर आप और हम इस बात की शिकायत करते हैं कि प्राचीन ऐतिहासिक महत्व के स्थलों या स्मारकों पर गंदगी फैली है, लेकिन उनको देखने वाला या मेंटेन करने वाला कोई नहीं है। केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय ने इसके मद्देनजर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानि एएसआई द्वारा संरक्षित और अनुरक्षित देशभर के ख्भ् आदर्श स्मारकों की सूची सार्वजनिक की है। इनमें बिहार का ऐतिहासिक वैशाली-कोल्हुआ भी शामिल है। इन स्मारकों की निगरानी खुद पर्यटक करेंगे, जिससे ये सभी स्मारक साफ रहें।

गंदगी की फोटो लें और कर दें अपलोड

केन्द्र सरकार की इस स्वच्छ स्मारक सुंदर भारत की योजना से जु़डने के लिए आप अपने मोबाइल के गूगल प्ले स्टोर से स्वच्छ पर्यटन ऐप मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं। अब आप अगर पटना से महज कुछ ही दूरी पर स्थित इन ऐतिहासिक स्थलों वैशाली-कोल्हुआ की सैर पर जाएं और गंदगी या कचरा देखें तो उसकी एक तस्वीर ले लें। इस तस्वीर को आप अपने स्वच्छ पर्यटन की ऐप पर उपलोड कर दें। उसके बाद ए एस आई के संबंधित नोडल अधिकारी का ये दायित्व होगा कि वे वहां से कचरा या गंदगी साफ करवाएं और इसकी जानकारी आपको दें। इससे इन आदर्श स्मारकों में सफाई भी हो जाएगी और इन्हें सहेजने में भी मदद मिलेगी।

इन जगहों पर भी मिलेगी ये सुविधा

वैशाली-कोल्हुआ के अलावा ताजमहल(आगरा), कुतुब मीनार(दिल्ली), लाल किला(दिल्ली), कोणार्क मंदिर(ओडीशा), फतेहपुर सीकरी(आगरा), एलीफें टा की गुफाएं(मुंबई), सारनाथ(यूपी),हंपी (कर्नाटक) और खजुराहो(मध्यप्रदेश) समेत ख्भ् आदर्श स्मारकों पर भी ये सुविधा शुरू हो गई है।

मैं अक्सर प्राचीन ऐतिहासिक जगहों पर घूमने जाता हूं। कई जगहों पर तो गंदगी के कारण बाहर से ही निकलना पड़ता है। लेकिन सरकार की इस पहल का तहेदिल से स्वागत है। अब घूमने में भी मजा आएगा और सफाई भी मेंटेन रहेगी-

रजनीश कुमार गुंजन, पर्यटक

गंदगी तो जैसे प्राचीन स्मारकों की पहचान हो गई है। और इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार पर्यटक खुद होते हैं। इस ऐप से अब प्राचीन स्मारकों की साफ सफाई तो हो सकेगी। ज्यादा लोग घूमने आएंगे और राजस्व भी बढ़ेगा-

राकेश कुमार, निजी कंपनी में अधिकारी

अब तो घूमने में भी आनंद आएगा और गंदगी फैलाने वाले शर्मिन्दा होंगे। एएसआई को और जगहों पर भी सफाई की जिम्मेदारी देनी चाहिए ताकि बिहार के सभी पर्यटन स्थल कचरा और गंदगी से मुक्त हो सकें। इससे इन स्मारकों की लाइफ भी बढ़ जाएगी-

अजय कुमार, व्यवसायी

मैं अगले संडे को ही अपने मित्रों के साथ वैशाली घूमने जा रहा हूं। वहां गंदगी को लेकर थोड़ी असहजता थी, लेकिन इस खबर ने खुश कर दिया है। मैंने तो स्वच्छ पर्यटन ऐप डाउनलोड भी कर लिया है। अब इन जगहों पर सफाई को लेकर कोई चिंता नहीं रहेगी क्योंकि गंदगी फैलाने वालों को ही बताना होगा कि गंदगी कहां है-

अतुल कुमार, युवा पर्यटक