RANCHI: राजधानी में स्वच्छता सर्वे को लेकर नगर निगम के अधिकारियों की टेंशन बढ़ गई है। इस चक्कर में शहर की सफाई से लेकर तमाम चीजों पर नजर रखी जा रही है। वहीं सबसे ज्यादा मार्क किए जाने वाले पब्लिक टॉयलेट पर अधिकारियों की विशेष नजर है। यही वजह है कि सिटी के सभी पब्लिक टॉयलेट में 24 घंटे मेंटेनेंस और सफाई का काम चल रहा है, ताकि स्वच्छता सर्वे में आने वाली सेंट्रल टीम को कहीं गंदगी देखने को न मिले। बताते चलें कि देशभर के सैकड़ों शहरों में चार जनवरी से स्वच्छता सर्वे शुरू हो जाएगा।

सिटी में बने हैं 80 पब्लिक टॉयलेट

रांची नगर निगम ने सिटी में 80 पब्लिक टॉयलेट का निर्माण कराया है। इसमें पुरुष और महिलाओं के लिए सेपरेट टॉयलेट बनाए गए हैं। इसके मेंटेनेंस का काम नगर निगम ने एक एजेंसी को दे रखा है। स्वच्छता सर्वे को देखते हुए एजेंसी को रेगुलर सफाई करने को कहा गया है। इतना ही नहीं, हर बार सफाई के बाद एजेंसी टॉयलेट की फोटो भी अपडेट कर रही है, ताकि अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जा सके।

दोबारा नजर नहीं आते एजेंसी के स्टाफ

सर्वे में भले ही एजेंसी टॉयलेट की बार-बार सफाई कर रही है। लेकिन आम दिनों में एक बार सफाई के बाद एजेंसी के स्टाफ्स झांकने तक नहीं आते। वहीं मुख्य सड़क से दूर टॉयलेट की हालत तो ऐसी होती है कि लोग इस्तेमाल करने से भी डरते है। गंदगी के कारण इंफेक्शन होने का डर सताता है।

वर्जन

स्वच्छता सर्वे को लेकर हमारी पूरी तैयारी है। 24 घंटे पब्लिक और कम्युनिटी टॉयलेट की सफाई व मेंटेनेंस करने का आदेश दिया गया है। इसी के आधार पर हमारी सिटी को नंबर मिलेंगे। वहीं पब्लिक फीडबैक से भी सर्वे में मा‌र्क्स मिलेगा।

गिरिजा शंकर प्रसाद, अपर नगर आयुक्त, आरएमसी

नहीं उठता सिटी का पूरा कचरा

रांची नगर निगम क्षेत्र से हर दिन 650 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। लेकिन रेगुलर उठाव नहीं होने के कारण 150 मीट्रिक टन कचरा सड़कों के किनारे ही पड़ा रह जाता है। इसका खामियाजा सिटी के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। गंदगी और बदबू उन्हें अपने ही घरों में कैद रहने के लिए मजबूर करती है। ऐसे में पूरे साल की बात करें तो लगभग 54,750 मीट्रिक टन कचरा संसाधनों की कमी के कारण शहर से उठ नहीं पाता है। जबकि इसके लिए रांची नगर निगम हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है।

वेस्ट मैनेजमेंट पर करोड़ों खर्च

रांची नगर निगम बोर्ड ने वेस्ट मैनेजमेंट के लिए सालाना 46.20 करोड़ की राशि पारित की है। इसके बावजूद शहर का कोई ऐसा वार्ड नहीं जहां से निकलने वाला पूरा कचरा उठा लिया जाता हो। नगर निगम ने रांची के 53 वार्डो में से 34 में सफाई का काम एस्सेल इंफ्रा की आरएमएसडब्ल्यू को दे रखा है। जबकि 19 वार्डो में रांची नगर ने खुद सफाई की कमान संभाल रखी है। इसके लिए 200 गाडि़यां, तीन हजार मजदूर लगाए गए हैं।