- कहा, नैतिकता के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष को भेजा

- केशव मौर्य को बताया छोटा भाई, पैर छूने की बात को गलत करार दिया

- 22 सितंबर की रैली में आ सकते हैं नरेंद्र मोदी

LUCKNOW: विधानसभा में नेता विरोधी दल के पद पर रहे पूर्व बसपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को इस्तीफा भेजने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि नैतिकता के आधार पर उन्होंने यह फैसला लिया है। मालूम हो कि केशव मौर्य कुशीनगर की पडरौना सीट से विधायक थे। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य को अपना छोटा भाई बताते हुए कहा कि मीडिया हमारे बीच दूरी पैदा करना चाहता है।

फिर बरसे मायावती पर

स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर बसपा सुप्रीमो मायावती पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ नेता राष्ट्रीय पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद तानाशाही के रास्ते पर चले जाते हैं और कार्यकर्ताओं को गुलाम समझते है। ऐसे नेताओं को संविधान और लोक लाज का ख्याल भी नहीं रहता। मैं बेशर्म नहीं हूं, वरना इस्तीफा न देकर मामले को चुनाव तक लटकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जा सकता था।

सपा में हजार यादव, भाजपा में दो मौर्य क्यों नहीं

भाजपा में दो मौर्य को लेकर मची खींचतान पर स्वामी प्रसाद ने कहा कि जब सपा में हजार यादव हो सकते हैं तो भाजपा में दो मौर्य क्यों नहीं। भाजपाई बनने के बाद राजधानी में हुए स्वागत समारोह में केशव मौर्य के पैर छूने की फोटो को नकारते हुए कहा कि उन्होंने संबंधित अखबार के प्रबंधन से आपत्ति भी जता दी थी।

मोदी के आने की भी संभावना

स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया कि आगामी 22 सितंबर को रमाबाई अंबेडकर मैदान में प्रस्तावित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रैली में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने की सहमति उन्हें भेज दी है। यह आश्वासन भी दिया है कि यदि प्रधानमंत्री का कोई पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम न हुआ तो रैली में आने के लिए वे खुद उनसे अनुरोध करेंगे। वहीं दोनों बच्चों के भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने पर कहा कि अभी तो मैंने ही चुनाव लड़ने के बारे में नहीं सोचा है।