अगर आपका किसी फ्रेन्ड से पंगा हो गया है तो डोन्ट वरी एक जादू की झप्पी आपके रूठे दोस्त को खुश करके आपके पास ले आएगी. ये कोई फिल्मी नहीं बल्कि एकदम सच बात है. पॉज़िटिव एनर्जी बहुत कुछ हील कर Touch brings friends closerसकती है. इसका अंदाज़ा लगाने को इतना ही काफी है कि साइंस भी ‘टच’ के जरिए फैलने वाली इस एनर्जी पर यकीन करती है...

सिर पर किसी अपने ने प्यार से हाथ फेरा नहीं कि आप रिलैक्स हो गए. टेंशन में हों, किसी ने पूरे भरोसे के साथ थोड़ा हाथ सहला दिया और आप कांफिडेंट महसूस करने लगे.

ऐसे शुरू होता है टच का खेल. स्टडीज़ प्रूव करती हैं कि टच थेरेपी इमोशनल और कुछ हद तक फिज़िकल हीलिंग भी दे सकती है.

टच का सीधा रिश्ता है बॉडी की पॉज़िटिव एनर्जी से. आपके मेंटल स्टेट और स्टेबिलिटी का असर उस पर पड़ता है जिसे आप टच करते हैं. टच थेरेपी भी इसी फैक्ट पर बेस्ड है. टच थेरेपी सेशंस से ये फायदे होते हैं...

  • स्ट्रेस को कम करती है.
  • एंग्ज़ायटी, डिप्रेशन को दूर करती है.
  • स्पिरिचुअली स्ट्रांग करती है.
  • थेरेपी के बाद आप मेंटली और फिजिकली हेल्दी फील करते हैं.

बॉडी की इन्हीं एनर्जीज़ को यूटिलाइज़ करती है रेकी. यह डिटैचमेंट की फीलिंग लाती है जिससे आप कुछ पल के लिए बस अपने से कनेक्टेड रहते हैं.

अगल-बगल क्या हो रहा है. कौन क्या कर रहा है से दूर बॉडी में एनर्जी का फ्लो और सेंसेशंस फील करना एक नई सी स्ट्रेंथ देता है. ज़रूरी नहीं कि टच थेरेपी के बेनिफिट्स लेने के लिए आप थेरेपी सेशंस ही ज्वॉइन करें.

टच का ये मैजिक आप खुद भी फील कर सकते हैं. कभी कुछ देर एकांत में बैठें, ब्रीदिंग के साथ बॉडी में एनर्जी का फ्लो महसूस करें. जब आंखें खोलें तो उसी शांत मन से खुद को दोनों हाथों से गले लगा लें, सिर पर हाथ फेरें या कुछ और करें. ये सेंसेशंस भी आप महसूस करेंगे और खुद से कनेक्शन फील करेंगे. हां इसका फायदा लेने के लिए ज़रूरी है दिमाग का स्टेबल होना.