- बाहर से जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि

- शासन के फरमान की उडा रहे धज्जियां

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : बीआरडी मेडिकल कॉलेज में वेंस्टे इवनिंग स्वाइन फ्लू से पीडित एक संभावित पेशेंट इमरजेंसी के वार्ड नम्बर चौदह में पहुंचा। आरोप है कि पेशेंट के नमूने की जांच और भर्ती करने के बजाय उसे दवाइयां देकर खदेड दिया गया। फैमिली मेम्बर्स रातभर उसे लेकर प्राइवेट हॉस्टिलों में भटकते रहे, लेकिन किसी ने भी इसकी सुधि नहीं ली। एक ओर जहां स्वाइन फ्लू को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है, वहीं बीआरडी मेडिकल कॉलेज में संभावित पेशेंट को इस तरह से ट्रीट किया जाना समझ से परे हैं। इससे पता चलता है कि मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन स्वाइन फ्लू को लेकर कितना संजीदा है। हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि पेशेंट को एडमिट किया गया, वह रात में भाग गया।

रूम पार्टनर में स्वाइन फ्लू

सिटी के नंदानगर एरिया में 25 वर्षीय युवक अपने रूम पार्टनर के साथ रहता है। रूम पार्टनर स्वाइन फ्लू से पीडि़त हुआ तो उसे मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया। मंडे से इस युवक को भी बुखार आ गया। जब प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया गया तो उन्होंने स्वाइन फ्लू की संभावना जताई। इसके बाद वह मेडिकल कॉलेज पहुंचा, लेकिन डॉक्टर्स ने इलाज के बजाय उसे बाहर जाने की सलाह दी। फैमिली मेंबर्स बेटे को लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन वहां भी उसे एडमिट नहीं किया। फैमिली मेम्बर्स ने पेशेंट की बाहर से जांच कराई। जांच रिपोर्ट में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गई। अब पेशेंट को मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया है।

वेंस्डे को हम मेडिकल कॉलेज गए थे तो डॉक्टरों ने बाहर जाने को कह दिया। मेरे दोस्त की हालत काफी खराब थी, उसे स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो गई है।

सतीश मौर्या, पशेंट का दोस्त

स्वाइन फ्लू का संभावित पेशेंट इलाज के लिए आया था। उसे वार्ड में भर्ती किया गया था, लेकिन वह रात में भाग गया।

डॉ। रामयश यादव, एसआईसी, मेडिकल कॉलेज